Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2020 · 1 min read

*”उम्मीद”*

छू लो आसमां को
छू लो आसमां को मंजिल अभी दूर है ,
आशायें कम ना हो, उम्मीद की किरणें अभी बाकी है।
कुछ अरमान संजोये हुए थे जो अधूरे से हैं,
उठो जाग हे मानव व्यर्थ समय खो रहा अंतिम पड़ाव अभी बाकी है।
धरती से अंबर तक चमकते सितारों की चमक लिए,
आगे बढ़ते ही चलो फासलों को तय करने की जिदध अभी बाकी है।
संघर्षों से जूझते हुए कदमताल जो थम कर रुक गए हैं,
अपनेपन का एहसास कराते हुए दूरी मिटाने के लिए दुआओं का असर अभी बाकी है।
आंखों से ओझल ना होने देना समय अनमोल तोहफा है,
अंधियारे से उजाले की तरफ रोशनी की चमक अभी बाकी है।
कश्ती में सवार होकर नाविक बैठा हुआ है,
नैया पार लगाने वाला खिवैया का सहारा ही आधार अभी बाकी है।
छू लो आसमां को हकीकत हो या ख्वाब में ही हो लेकिन,
अंतर्मन में धैर्य बंधा प्रभु की कृपादृष्टि पैगाम आना अभी बाकी है।
आयेगा बुलावा प्रभु का जब एक दिन तो छोड़ कर सभी को जाना है,
तूफ़ानों से लड़कर लहरों को चीरकर ही आगे चलना अभी बाकी है।
यूँ तो हर इंसान बेबस मजबूर हो गया है,
कर्त्तव्य पथ प्रदर्शक बन ऊर्जावान बनके फर्ज निभाना अभी बाकी है।
शशिकला व्यास ✍️

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 391 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काश जन चेतना भरे कुलांचें
काश जन चेतना भरे कुलांचें
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी
जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी
ruby kumari
प्यार
प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
पापा , तुम बिन जीवन रीता है
Dilip Kumar
चांद कहां रहते हो तुम
चांद कहां रहते हो तुम
Surinder blackpen
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
-- आधे की हकदार पत्नी --
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
ईश्वर की बनाई दुनिया में
ईश्वर की बनाई दुनिया में
Shweta Soni
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3099.*पूर्णिका*
3099.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्वर्ग से सुंदर मेरा भारत
स्वर्ग से सुंदर मेरा भारत
Mukesh Kumar Sonkar
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
सारे एहसास के
सारे एहसास के
Dr fauzia Naseem shad
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
Yogendra Chaturwedi
"मन क्यों मौन?"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता
कविता
Rambali Mishra
बन गई पाठशाला
बन गई पाठशाला
rekha mohan
बीन अधीन फणीश।
बीन अधीन फणीश।
Neelam Sharma
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
लक्ष्मी सिंह
दिल
दिल
Er. Sanjay Shrivastava
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
पता नहीं कुछ लोगों को
पता नहीं कुछ लोगों को
*Author प्रणय प्रभात*
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
डॉ० रोहित कौशिक
बेटी
बेटी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आए गए महान
आए गए महान
Dr MusafiR BaithA
💐प्रेम कौतुक-302💐
💐प्रेम कौतुक-302💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
निज धर्म सदा चलते रहना
निज धर्म सदा चलते रहना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हिन्द के बेटे
हिन्द के बेटे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए
कवि दीपक बवेजा
Loading...