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13 Jul 2019 · 1 min read

“उपहार छतरी” #100 शब्दों की कहानी#

पहले झमाझम बारिश हुआ करती,मां ने जतन से रखी पापा की “उपहार-छतरी”, वहीं छतरी मांग ली चचेरी बहन ने ।

मैं कॉलेज से भीगकर आई, मुझे दोबारा जाना फीस भरने, अब जरूरत पड़ी छाते की । पता चला, बहन छाता ऑटो में गई भूल, पर ऑटोचालक स्वयं छतरी वापिस कर गया ।

छतरी को हाथ मे उठाते ही ऐसा लगा मानो भगवानजी ने मुंहमांगी मुराद पूरी कर दी हो । मैंने यह निश्चय किया,मां की अमूल्य-छतरी ठीक उसी प्रकार रखूंगी, जिस तरह मां अपने बच्चे का ध्यान रखती है । छतरियों के तोहफे सहायता-केंद्र में दानस्वरूप भेंट किए हमने ।

Language: Hindi
1 Like · 421 Views
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