Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2021 · 1 min read

उनको मुस्कुराता देख लूं

बस यही है चाह उनको मुस्कुराता देख लूं!
तक रहे हैं राह उनको मुस्कुराता देख लूं!

तुम रहो चाहे कहीं भी खुश रहो ये ही दुआ,
प्यार है बेथाह उनको मुस्कुराता देख लूं!

देश दुनियाँ में सभी पर जो उदासी छा गई,
कुछ करो परवाह उनको मुस्कुराता देखलूं!

गुल कहाँ गुलशन कहाँ सबकुछ ही सून हो गया,
फिर दिखाओ चाह उनको मुस्कुराता देख लूं!

जिंदगी की राह में बैठा है ‘प्रेमी’आश मे,
है कठिन ये राह उनको मुस्कुराता देख लूं!

…….. ✍ प्रेमी
20.06.2021

1 Like · 182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
प्रेम समर्पण की अनुपम पराकाष्ठा है।
प्रेम समर्पण की अनुपम पराकाष्ठा है।
सुनील कुमार
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
Keshav kishor Kumar
भूल गए हम वो दिन , खुशियाँ साथ मानते थे !
भूल गए हम वो दिन , खुशियाँ साथ मानते थे !
DrLakshman Jha Parimal
आतंकवाद
आतंकवाद
नेताम आर सी
तीर'गी  तू  बता  रौशनी  कौन है ।
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
Neelam Sharma
"सुने जो दिल की कहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
Ranjeet kumar patre
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
एक ही तो, निशा बचा है,
एक ही तो, निशा बचा है,
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अवधी लोकगीत
अवधी लोकगीत
प्रीतम श्रावस्तवी
जिन्हें बुज़ुर्गों की बात
जिन्हें बुज़ुर्गों की बात
*Author प्रणय प्रभात*
*।।ॐ।।*
*।।ॐ।।*
Satyaveer vaishnav
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
मैं तो महज नीर हूँ
मैं तो महज नीर हूँ
VINOD CHAUHAN
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
मन मर्जी के गीत हैं,
मन मर्जी के गीत हैं,
sushil sarna
*चंद्रशेखर आजाद* *(कुंडलिया)*
*चंद्रशेखर आजाद* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-400💐
💐प्रेम कौतुक-400💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रोजी रोटी
रोजी रोटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
कभी किसी की सुंदरता से प्रभावीत होकर खुद को उसके लिए समर्पित
Rituraj shivem verma
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
पूर्वार्थ
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
2553.पूर्णिका
2553.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...