— उनके प्यार चाहिए–
जिन्दगी के आखरी पड़ाव पर
बुजर्गों को बस प्यार चाहिए
बेशक न देना धन दौलत , पर
उनको आपका साथ बेशुमार चाहिए
देते हैं वो दुआएं सब को
नही रहती कोई इच्छा बाकी उनकी
गर साथ न दे पाए उनका इस उम्र में
तो कहाँ बचती है जिन्दगी उनकी
कितना रख रख कर ख्याल उन्होंने
तुम्हे आज इस काबिल जो बनाया
बड़े कमजोर दिल वाले होते हैं वो बच्चे
जिन्होंने अपनी मर्जी से उन्हें ठुकराया
बूढे होने के बाद बस उनको क्या चाहिए
पकड़ी थी जैसे उन्होंने तुम्हारी ऊँगली
बचपन से जवानी की देहलीज पर
लाकर उन्होंने ही तो तुम्हे बिठाया
यही मांगते हैं वो भी तुम से नादान
जवानी की उम्र में तुम मत करो अभिमान
एक दिन तुम्हारा भी तो ऐसा ही आएगा
उस दिन तुम्हारे दिल में यही जागेंगे अरमान
अजीत कुमार तलवार
मेरठ