Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2017 · 1 min read

उनकी अनजान मोहब्बत

उनका हर एहसास हमे अनजान सा लगता है,
न जाने क्यों हमे उनका साथ हैरान सा लगता है,
क्या वो समझा नहीं पा रहे हमे अपनी मोहब्बत,
या हमे ही उनका हर अलफ़ाज़ तीर कमान सा लगता है,RASHMI SHUKLA

Language: Hindi
471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
समझ
समझ
अखिलेश 'अखिल'
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
देखी है ख़ूब मैंने भी दिलदार की अदा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
फितरत
फितरत
Surya Barman
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
Hey....!!
Hey....!!
पूर्वार्थ
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है
gurudeenverma198
मुझे हमेशा लगता था
मुझे हमेशा लगता था
ruby kumari
💐प्रेम कौतुक-407💐
💐प्रेम कौतुक-407💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सजा दे ना आंगन फूल से रे माली
सजा दे ना आंगन फूल से रे माली
Basant Bhagawan Roy
दो शे' र
दो शे' र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सारे रिश्तों से
सारे रिश्तों से
Dr fauzia Naseem shad
I got forever addicted.
I got forever addicted.
Manisha Manjari
गीत गाने आयेंगे
गीत गाने आयेंगे
Er. Sanjay Shrivastava
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
Neelam Sharma
प्रेम
प्रेम
Prakash Chandra
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बुरा न मानो होली है (हास्य व्यंग्य)
बुरा न मानो होली है (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
हमारे विपक्ष में
हमारे विपक्ष में
*Author प्रणय प्रभात*
अभिमान
अभिमान
Neeraj Agarwal
बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
डा गजैसिह कर्दम
*शीत वसंत*
*शीत वसंत*
Nishant prakhar
कुदरत मुझको रंग दे
कुदरत मुझको रंग दे
Gurdeep Saggu
2663.*पूर्णिका*
2663.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां की याद आती है🧑‍💻
मां की याद आती है🧑‍💻
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ये दिल।
ये दिल।
Taj Mohammad
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
दुमका संस्मरण 2 ( सिनेमा हॉल )
DrLakshman Jha Parimal
दूर कहीं जब मीत पुकारे
दूर कहीं जब मीत पुकारे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
ग़म-ए-जानां से ग़म-ए-दौरां तक
ग़म-ए-जानां से ग़म-ए-दौरां तक
Shekhar Chandra Mitra
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...