Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2016 · 1 min read

उदास घर

दिल्ली पहुंचने पर 
बंद पड़े दरवाज़े पर 
नहीं कर रहा था कोई इन्तजार

सूखे हुए कुछ पत्ते 
और कबूतरों की बीठ 
सीढि़यों को  ढाँपे हुए थीं…

न सत्कार में जुड़े हाथ 
नमस्कार में थे
न किसी का आगमन
न ही कोई हलचल

किसी के लिए भी घर में
नहीं बन रही थी चाय
न ही डाक-बक्से में कोई अपनी
चिट्ठी उस पते पर डाल रहा था

मोहल्ले के बच्चे
वापस लौटने पर ज़रूर खुश थे 
क्यूंकि अक्सर रविवार को मिलते थे 
उन्हें मुझसे खाने को कुरकुरे

अपने बर्तनो के साथ
रसोईघर में एक बुझा हुआ चूल्हा 
जो कर रहा था सच्चे दिल से इंतज़ार

चुप्पी एक आवाज़ थी 
जो कमरों में बराबर
गश्त लगाती हुई
धुल-मिटटी 
बराबर सक्रिय थीं फ़र्श पर…

मेरे ठीक सामने
ठहरा हुआ था
राख जैसी हवा का डंक

दरवाज़ों का बंद होना लाज़मी था 
क्यूंकि चाबी कोई और ले गया था…

खोल सके कोई उन्हें 
मेरी ख़ुशी के लिए
हमने सुनी ख़ुशी
जो ख़ुशी मेरे आने से घर में जगी

मैंने चाय बनाई 
जो निस्सन्देह बहुत स्वादिष्ट थी
मोहल्ले के 
बच्चों के साथ आज बहुत दिनों बाद खेला 
चूल्हे पर उतरती हुई गर्म रोटी को सूँघा
                       और  
फिर कर ली इस प्यारे से घर को 
बंद करने की तैयारी 
मानो घर की दीवारें रो रहीं हैं 
अपने आप को तनहा पाकर….

सुनील पुष्करणा

Language: Hindi
321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिनका हम जिक्र तक नहीं करते हैं
जिनका हम जिक्र तक नहीं करते हैं
ruby kumari
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
फूल खुशबू देते है _
फूल खुशबू देते है _
Rajesh vyas
इंकलाब की मशाल
इंकलाब की मशाल
Shekhar Chandra Mitra
भारत का फौजी जवान
भारत का फौजी जवान
Satish Srijan
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
umesh mehra
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
प्राण vs प्रण
प्राण vs प्रण
Rj Anand Prajapati
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
Buddha Prakash
Mujhe laga tha ki meri talash tum tak khatam ho jayegi
Mujhe laga tha ki meri talash tum tak khatam ho jayegi
Sakshi Tripathi
उसके सवालों का जवाब हम क्या देते
उसके सवालों का जवाब हम क्या देते
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
पीक चित्रकार
पीक चित्रकार
शांतिलाल सोनी
वो,
वो,
हिमांशु Kulshrestha
अंध विश्वास - मानवता शर्मसार
अंध विश्वास - मानवता शर्मसार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
'धोखा'
'धोखा'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर फ़साद की जड़
हर फ़साद की जड़
*Author प्रणय प्रभात*
यह हक़ीक़त है
यह हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
আজকের মানুষ
আজকের মানুষ
Ahtesham Ahmad
डाकिया डाक लाया
डाकिया डाक लाया
Paras Nath Jha
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
पूर्वार्थ
नींद और ख्वाब
नींद और ख्वाब
Surinder blackpen
"ख्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
अभी सत्य की खोज जारी है...
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
3069.*पूर्णिका*
3069.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*साइकिल (बाल कविता)*
*साइकिल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
मुस्कानों की परिभाषाएँ
मुस्कानों की परिभाषाएँ
Shyam Tiwari
Loading...