उदास आँखों वाली लड़की (कविता)
एक लड़की है अन्जानी सी ,
जिसकी आँखों में रहती उदासी .
ह्रदय में है भावो का सागर ,
मगर जल बिन मीन जैसी प्यासी.
सागर में मोती हैं बेशुमार ,
प्रेम ,करुणा ,दया, स्नेह , के साथ,
दर्द, संताप, पीड़ा है अपार .
उसके अंतर्मन के भीतर अमूल्य ,
यूँ तो खजाने भी बहुत हैं.
कुछ छोटी-छोटी चाहतों, और ,
बड़े-बड़े अरमानो, ख्वाइशों , आर्ज़ुयों ,
हैं जो सागर की गहराई में दफ़न हैं.
सागर की तरह ही वोह लड़की ,
बाह्य रूप में दिखती तो एकदम शांत है.
मगर भीतर ही भीतर उसका मन ,
रहता सदा क्लांत है.
कभी बड़ी ,कभी छोटी आशा -निराशा की लहरें
दिन-रात उसके अन्तस्थल में उमड़ती रहती है.
यदि उस उदास आँखों वाली लड़की ,
के ह्रदय में इतना तूफ़ान है ,
तो सागर की तरह अपने मोती ,
और खजाने वोह बाहर क्यों नहीं निकालती .
अपने अफसाने के रूप में वोह क्यों नहीं ,
अपनी अंतर्वेदना दुनिया को बांचती ?
माफ़ कीजिये ! इस मुआमले में है ,
वोह थोड़ी सी स्वार्थी.
वोह अपना कोई अफसाना या अंतर्वेदना ,
दुनिया से नहीं बांटना चाहती.
वोह इन्हें झूठे शब्दों के आवरण नहीं देना चाहती .
हाँ ! यदि कोई उसकी सागर सी गहरी आँखों मैं,
डूबकर स्वयं उन मोतियों /खजानों का पता
लगा ले .या फिर प्राप्त भी करले ,
तब इंकार नहीं करेगी वोह लड़की .
मिल जाये गर उसे इस स्वार्थी /बनावटी दुनिया मैं,
कोई सच्चा हमराज़, /हमदर्द ,
तो कसम से मुस्कुरा उठेगी वोह ,
उदास आँखों वाली लड़की.