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10 Jan 2017 · 1 min read

उतरा दिखे गुरूर …..

Dohe

कॉलर नही कमीज में,पेंट नही है जेब
नँगा होने तक रचो,कोई नया फरेब
%
उम्मीदों के दौर में ,तुम भी पालो ख़्वाब
कैशलेस हो खोपड़ी,’बाबा छाप’खिजाब
%
पंछी बैठे छाँव में,उतरा दिखे गुरूर
आसमान ऊंचाइयां,कतरे पँखो दूर
%
साल नया है आ रहा,हो न विषम विकराल
संयम उर्वर खेत में, बीज-व्यथा मत डाल
@
घटते-घटते घट गया ,पानी भरा तलाब
तनिक ओस की चाह में ,चाटो अपने ख्वाब
@

मानवता की आड़ ले ,दानव की है चीख
आज खाय भर-पेट तू ,कल को मागो भीख

आज खाय भर पेट हैं ,कल को मागे भीख
भाई तेरे राज में ,इतनी मिलती सीख

सुशील यादव

Language: Hindi
233 Views
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