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21 Aug 2016 · 1 min read

उड़ान


हौसलों ने आसमान
छुआ हो या ना छुआ,
पर सब्जियों ने
जरूर छू लिया।
दिल ऊडान भरे
चाहे ना भरे पर,
महंगाई ने ऊडान
जरूर भर ली है।
दो जून की रोटी
गरीब को कहाँ नसीब
पर अमीरों की महफिल
जरूर सजी हैं।

Language: Hindi
274 Views
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