Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2017 · 1 min read

ईमारत है ये…सदियों से ऐसी ही रहे!!

जूठ,फरेब,मक्कारी से दूर
स्वार्थ,अज्ञानता,तिरस्कार को भूल
सबकी सुने,किसी से कुछ ना कहे
ईमारत हैं ये,
सदियों से ऐसी ही रहे!
कई राज़ों को खुद में समेटे
पीढ़ियों को सामने से देखे
गुज़रती चली जा रही हैं ये
ईमारत हैं ये,
सदियों से ऐसी ही रहे!
किसी ने चोट पहुंचाई
किसी ने मरम्मत करवाई
किसी ने की खूब लड़ाई
प्यार,स्नेह,लाड भी पाई
सबकी सुने,किसी से कुछ ना कहे,
ईमारत हैं ये
सदियों से ऐसी ही रहे!
बनाया हैं एक ईमारत
स्वयं करूणानिधि ने भी
स्त्री और पुरुष के मेल से
जूठ,फरेब,अज्ञानता से रखें खुद को दूर
यही यह शाश्वत ईमारत है
जिधर से चलता रहता है
जीवन-मरण का विधान
सृष्टि के रहने तक।
ये शरीर भी ईमारत हैं एक
सदियों से ऐसी ही रहे!
अब हमें करना ईश्वर प्रदत्त
ईमारत का सद्कर्म,सद्गुणो से
रख रखाव,ताकि सुरक्षित हो सके
ये जीवन हमारा जन्म-जन्मान्तर तक,
ईमारत है ये
सदियों से ऐसी ही रहे!!

®आकिब जावेद

Language: Hindi
511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Akib Javed
View all
You may also like:
हाथों में गुलाब🌹🌹
हाथों में गुलाब🌹🌹
Chunnu Lal Gupta
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Sometimes a thought comes
Sometimes a thought comes
Bidyadhar Mantry
Banaras
Banaras
Sahil Ahmad
मांँ
मांँ
Neelam Sharma
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
हो रही है ये इनायतें,फिर बावफा कौन है।
पूर्वार्थ
2507.पूर्णिका
2507.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चन्द्रयान..…......... चन्द्रमा पर तिरंगा
चन्द्रयान..…......... चन्द्रमा पर तिरंगा
Neeraj Agarwal
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
अम्बर में अनगिन तारे हैं।
Anil Mishra Prahari
"बोलते अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं तो निकला था,
मैं तो निकला था,
Dr. Man Mohan Krishna
होलिडे-होली डे / MUSAFIR BAITHA
होलिडे-होली डे / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जीवात्मा
जीवात्मा
Mahendra singh kiroula
*सावन का वरदान, भीगती दुनिया सूखी (कुंडलिया)*
*सावन का वरदान, भीगती दुनिया सूखी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मोनू बंदर का बदला
मोनू बंदर का बदला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
है अभी भी वक़्त प्यारे, मैं भी सोचूंँ तू भी सोच
Sarfaraz Ahmed Aasee
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
डॉ० रोहित कौशिक
■ शर्म भी कर लो।
■ शर्म भी कर लो।
*Author प्रणय प्रभात*
चांद से सवाल
चांद से सवाल
Nanki Patre
जागृति
जागृति
Shyam Sundar Subramanian
*अपना भारत*
*अपना भारत*
मनोज कर्ण
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
Kuldeep mishra (KD)
जीवन को
जीवन को
Dr fauzia Naseem shad
बात जुबां से अब कौन निकाले
बात जुबां से अब कौन निकाले
Sandeep Pande
अनुभव
अनुभव
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
मेरी …….
मेरी …….
Sangeeta Beniwal
"ॐ नमः शिवाय"
Radhakishan R. Mundhra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
सपना
सपना
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...