Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 1 min read

ईमानदार भारत

[3/12, 11:10] Vijay Kumar Agarwal:
रंगो का त्योहार है आया ,घर घर देश मे कमल खिलाया
उत्तर प्रदेश की जनता बोली ,मोदी के संग खेले होली
उत्तराखंड ने साथ निभाया ,गोआ मणिपुर कठिन है भाया
शायद कुछ कमियां रह गई थी , कमल पंजाब मे खिल नही पाया
जात पात कि राजनीति अब ,अधिक समय नही चल पायेगी
सुख का सूरज उदय हो रहा ,दुःख की संध्या ढल जायेगी
भ्रष्टाचारी समझ लो तुम भी ,अब तुम्हारी बारी आयेगी
या तो भ्रष्टाचार छोड़ दो ,वरना नौकरी छूट जायेगी
खुद से पहले देश की सोचो ,तभी नौकरी चल पायेगी
आपकी ईमानदारी के सामने ,नेता की नही चल पायेगी
भारत को है स्वच्छ बनाना ,कसम यदि हम खा पायेंगे
नेता क्या मंत्री भी तुम्हारा ,बाल ना बाँका कर पायेंगे
भ्रष्टाचार से मुक्त करेंगे ,ईमानदारी के बीज बोयेंगें
सत्तर साल से फैली गंदगी ,ईमानदारी से हम धोयेँगे

विजय बिज़नोरी

Language: Hindi
3 Likes · 522 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all
You may also like:
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
तितली थी मैं
तितली थी मैं
Saraswati Bajpai
* रेल हादसा *
* रेल हादसा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*पेंशन : आठ दोहे*
*पेंशन : आठ दोहे*
Ravi Prakash
चले आना मेरे पास
चले आना मेरे पास
gurudeenverma198
वोटर की पॉलिटिक्स
वोटर की पॉलिटिक्स
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
दश्त में शह्र की बुनियाद नहीं रख सकता
Sarfaraz Ahmed Aasee
2561.पूर्णिका
2561.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कैसे भुल जाऊ उस राह को जिस राह ने मुझे चलना सिखाया
कैसे भुल जाऊ उस राह को जिस राह ने मुझे चलना सिखाया
Shakil Alam
अज्ञात के प्रति-1
अज्ञात के प्रति-1
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
बहुत नफा हुआ उसके जाने से मेरा।
शिव प्रताप लोधी
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Converse with the powers
Converse with the powers
Dhriti Mishra
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
पूर्वार्थ
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
तन्हाई
तन्हाई
नवीन जोशी 'नवल'
"जिसे जो आएगा, वो ही करेगा।
*Author प्रणय प्रभात*
🌹पत्नी🌹
🌹पत्नी🌹
Dr Shweta sood
** वर्षा ऋतु **
** वर्षा ऋतु **
surenderpal vaidya
पुस्तकें
पुस्तकें
डॉ. शिव लहरी
मैं कहना भी चाहूं उनसे तो कह नहीं सकता
मैं कहना भी चाहूं उनसे तो कह नहीं सकता
Mr.Aksharjeet
मै ज़ब 2017 मे फेसबुक पर आया आया था
मै ज़ब 2017 मे फेसबुक पर आया आया था
शेखर सिंह
चंद सिक्कों की खातिर
चंद सिक्कों की खातिर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कहमुकरी
कहमुकरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
महकती रात सी है जिंदगी आंखों में निकली जाय।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम ही तो हो
तुम ही तो हो
Ashish Kumar
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
VINOD CHAUHAN
Loading...