Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2017 · 1 min read

ईमानदारी बेचाता (भोजपुरी)

ईमानदारी बेचाता…..!!
—— ——- ——- ——–
जेने जाईं ओने, भ्रष्टाचारे भेटाता
कौड़ी के मोल, ईमानदारी बेचाता,
हाय रे जमाना, अनीतीये के जोर बा
नीचे से ऊपर, भरल सगरे घूसखोर बा।।१।।

शहरी सिपाही या, नेता होखे देश के
बात करे मीठ-मीठ’ खाई तोहे बेच के
बतीये में ओकरा, देशभक्ति पुरजोर बा
नीचें से ऊपर, भरल सगरे घूसखोर बा।।२।।

शिक्षा के क्षेत्र भी ना, ऐह से अछूता बा
पईसा फेक मास्टर बनल, ज्ञान अधुरा बा,
नीम हकीम ऊहां, खतरा पुरजोर बा
नीचे से ऊपर, भरल सगरे घूसखोर बा।।३।।

देशवा के रेल भी त, बहुते महान बा
जनरल के टिकट बाकीर, भरल शयनयान बा
रूपया दीही टीटीई जी के, पाकीटे पर जोर बा
नीचें से ऊपर, भरल सगरे घूसखोर बा।।४।।

बाबूजी दहेज मागें, बबूआ मवाली
पढे में साढे बाईस, चाहीं काम सरकारी,
बेटी मारे कोख में, बस बेटवे पर जोर बा
नीचें से ऊपर, भरल सगरे घूसखोर बा।।५।।

कवनों न्यायालय या, कार्यालय होखे देश के
पईसा फेकीं काम बनी, माटी मिले देश के,
सांच के ना पूछ, बस कमाईऐ पर जोर बा
नीचें से ऊपर, भरल सगरे घूसखोर बा।।६।।

जहाँ जाईं ऊहें बस, सांच के हीनाईं
लबरन के मान बाटे, झूठे के कमाई,
पांचों ऊंगली घी में , अब कढाईये पर जोर बा
नीचे से ऊपर , भरल सगरे घूसखोर बा।।७।।
©®…… …… . . .?
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”

Language: Hindi
387 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
लेती है मेरा इम्तिहान ,कैसे देखिए
Shweta Soni
महादेव
महादेव
C.K. Soni
स्वप्न बेचकर  सभी का
स्वप्न बेचकर सभी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेरे राम
मेरे राम
Prakash Chandra
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आज का बदलता माहौल
आज का बदलता माहौल
Naresh Sagar
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
" ढले न यह मुस्कान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
*अग्रसेन ने ध्वजा मनुज, आदर्शों की फहराई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
राम की रहमत
राम की रहमत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
लड्डु शादी का खायके, अनिल कैसे खुशी बनाये।
लड्डु शादी का खायके, अनिल कैसे खुशी बनाये।
Anil chobisa
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
बरस  पाँच  सौ  तक रखी,
बरस पाँच सौ तक रखी,
Neelam Sharma
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
दुनिया एक दुष्चक्र है । आप जहाँ से शुरू कर रहे हैं आप आखिर म
पूर्वार्थ
" प्रिये की प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
छल.....
छल.....
sushil sarna
निकलो…
निकलो…
Rekha Drolia
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"महसूस"
Dr. Kishan tandon kranti
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
के जब तक दिल जवां होता नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
कुछ लोग किरदार ऐसा लाजवाब रखते हैं।
कुछ लोग किरदार ऐसा लाजवाब रखते हैं।
Surinder blackpen
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
Chahat ka samandar ham bhi rakhte h ,
Chahat ka samandar ham bhi rakhte h ,
Sakshi Tripathi
"बहुत से लोग
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
गुप्तरत्न
💐प्रेम कौतुक-334💐
💐प्रेम कौतुक-334💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
अब उनके ह्रदय पर लग जाया करती है हमारी बातें,
शेखर सिंह
Loading...