Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2017 · 1 min read

ईद चली गई

“ईद चली गई अब तो एक साल तक मजे कर यार।” (चितले ने धोलू के अपने सींग अड़ाते हुए और उसे हल्का सा ठेलते हुए कहा।)

धोलू पिछले काफी दिनों से परेशान हो रहा था क्योंकि उसने अपने मालिक की बात सुन ली थी। उसका मालिक अपने बेटे से कह रहा था कि इस बार कुर्बानी में इन छोटे वालों को कुर्बान नहीं करना है। इनको अभी कुर्बान कर दिया तो कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि ये अभी काफी छोटे हैं और इनका गोश्त भी कम ही होगा। बेटे ने पूछ लिया तो बाप ने बताया कि उनकी किस्मत में कुर्बानी नहीं लिखी है क्योंकि ये किसी काफिर के घर से खरीदे गए हैं, इनको कुर्बान नहीं करेंगे, इनको तो लाली के निकाह में जब बारात आएगी तब काम में लेंगे। बाप-बेटे की सारी बात सुन चुके धोलू ने चितले की तरफ मायूस नजरों से देखते हुए कहा –

“ईद ही तो गई है मेरे भाई, बकरे की किस्मत में तो कटना ही लिखा है ना, फिर चाहे ईद पर कटो या निकाह पर।”

Language: Hindi
1 Like · 426 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
देश और जनता~
देश और जनता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
💐प्रेम कौतुक-302💐
💐प्रेम कौतुक-302💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भ्रम नेता का
भ्रम नेता का
Sanjay ' शून्य'
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
प्रयास
प्रयास
Dr fauzia Naseem shad
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
"ईमानदारी"
Dr. Kishan tandon kranti
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
थक गये है हम......ख़ुद से
थक गये है हम......ख़ुद से
shabina. Naaz
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
देखो भालू आया
देखो भालू आया
Anil "Aadarsh"
सताया ना कर ये जिंदगी
सताया ना कर ये जिंदगी
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
Har subha uthti hai ummid ki kiran
Har subha uthti hai ummid ki kiran
कवि दीपक बवेजा
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
काग़ज़ के पुतले बने,
काग़ज़ के पुतले बने,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Budhape ki lathi samjhi
Budhape ki lathi samjhi
Sakshi Tripathi
Janeu-less writer / Poem by Musafir Baitha
Janeu-less writer / Poem by Musafir Baitha
Dr MusafiR BaithA
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि के साहित्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि के साहित्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें।
Dr. Narendra Valmiki
#उपमा
#उपमा
*Author प्रणय प्रभात*
मार्शल आर्ट
मार्शल आर्ट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कह्र ....
कह्र ....
sushil sarna
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet kumar Shukla
नानी का घर (बाल कविता)
नानी का घर (बाल कविता)
Ravi Prakash
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
रक्षा के पावन बंधन का, अमर प्रेम त्यौहार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
बड़ा गुरुर था रावण को भी अपने भ्रातृ रूपी अस्त्र पर
सुनील कुमार
दोस्त कहता है मेरा खुद को तो
दोस्त कहता है मेरा खुद को तो
Seema gupta,Alwar
Loading...