इस क़दर फासले (गीतिका)
* इस कदर फासले *
~~
इस कदर फासले मत बढ़ाया करो।
वक्त है कीमती पास आया करो।
~
खिल रही सुर्ख कलियां चटक रंग हैं,
तुम खुले मन सदा मुस्कुराया करो।
~
चाहतें पूर्ण होंगी सभी एक दिन,
भावना में स्वयं को बहाया करो।
~
आंसुओ का बहुत मूल्य है जानिए,
व्यर्थ इनको न यूं ही गँवाया करो।
~
हो अकेला कभी मन उदासी भरा,
गीत कोई हसीं गुनगुनाया करो।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हिमाचल प्रदेश)