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31 Aug 2021 · 1 min read

इसकी उसकी करते करते ___ मुक्तक

इसकी उसकी करते-करते बीती उमरिया सारी।
चल रही है ऐसे ही यारों सबकी दुनिया दारी।
जरा गलतियां अपनी भी देखें क्या है अपने लैखे,
हो जाए सुधार उसमें यही तो है समझदारी।।
***********************************
अपने-अपने रोग हैं सबके दिखा न कोई निरोगी।
लोभ लालच में ऐसा जकड़ा बन गए इसके भोगी।
शांति तो चाहते हैं सभी पर मिलती कहां कभी।
हे ईश्वर तेरी शरण में हैं राह दिखा दो जो भी।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 304 Views
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