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27 Mar 2018 · 1 min read

इश्क़ राह

सिखाता रहा वो इश्क़ मुझे बार बार ।
गिरता रहा मैं इश्क़ राह बार बार ।
टूटता न था दिल उस संग की चोट से ,
होता रहा अपनी निग़ाह से जार जार ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@…

Language: Hindi
178 Views
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