इश्क जता न सके
⌛इश्क जता न सके⏰
जता भी न सके,
कुछ बता भी न सके।।
अश्क ए आंखों के,
तुझे दिखा भी न सके।।
तेरे पास हम,
आ भी न सके।।
तुझे अपने पास,
बुला भी न सके।।
फासाले ए मोहब्बत,
हम मिटा भी न सके।।
मन ही मन दिल रोता रहा,
अश्को के दिखा भी न सके।।
हर गम को दिल सहता रहा,
चहरे पे उदासी दिखा न सके।।
आरजू क्या दिल कि,
बता भी न सके।।
इजहार ये मोहब्बत कर न पाये,
इश्क आँखों का जता न सके।।
खता तो शायद हम से हुई,
तेरी जिंदगी को महका न सके।।
??सोनु जैन,,,,मंदसौर??