इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते – (१०० शब्दों की कहानी)
रीना जल्दी तैयार हो गई , परीक्षा जो थी १०वी की ।और वो भी पहला दिन वह हिन्दी का पेपर । करें भी क्या पापा जल्दी तैयार होकर लुना पर चले छोड़ने ।परीक्षा स्थान पर छोड़ पापा ने हिदायत दी बेटी को परीक्षा के पश्चात इंतजार करें वह भाई राजु का । परीक्षा के होने के पश्चात लेकिन ये राजु खाली हाथ ही आया । रीना ने परीक्षा हाल से जाकर अपने पसंदीदा राहुल से विवाह कर लिया । माता-पिता ने बेटी को माफ किया खुशी से क्यो कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते ।