Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2016 · 1 min read

इश्क़ में हमारी बे-ज़ुबानी देखते जाओ

इश्क़ में हमारी बे-ज़ुबानी देखते जाओ
उस पर आलम की तर्जुमानी देखते जाओ

तुम ना आओगे कभी मुन्तज़िर हम फिर भी हैं
लिल्लाह प्यार की नातवानी देखते जाओ

देखो वही मंज़र वही आगाज़-ओ-अंजाम
बस बदल गए किरदार कहानी देखते जाओ

सब कुछ होता है मगर कुछ नहीं होता कहीं
तुम बिन कैसी है ज़िंदगानी देखते जाओ

होता था सुबह से इंतज़ार जिस शाम का कभी
उसी शाम की तुम बद -ज़ुबानी देखते जाओ

मेरे ना हुए हाय तुम किसी तरहा ए-सितमगर
अपनी यादों की मेहरबानी देखते जाओ

बेकार कर दिया था ‘सरु’ के इश्क़ ने ज़ालिम
अब दिल पे मेरी हुक्मरानी देखते जाओ

— सुरेश सांगवान’सरु’

318 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अमूक दोस्त ।
अमूक दोस्त ।
SATPAL CHAUHAN
💐अज्ञात के प्रति-136💐
💐अज्ञात के प्रति-136💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गंदा धंधा
गंदा धंधा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
Kshma Urmila
केवल
केवल
Shweta Soni
टैगोर
टैगोर
Aman Kumar Holy
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूर्वार्थ
बाजारवाद
बाजारवाद
Punam Pande
2315.पूर्णिका
2315.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
-- मुंह पर टीका करना --
-- मुंह पर टीका करना --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हां राम, समर शेष है
हां राम, समर शेष है
Suryakant Dwivedi
हम यहाँ  इतने दूर हैं  मिलन कभी होता नहीं !
हम यहाँ इतने दूर हैं मिलन कभी होता नहीं !
DrLakshman Jha Parimal
"दिल में झाँकिए"
Dr. Kishan tandon kranti
मुस्कुराते हुए सब बता दो।
मुस्कुराते हुए सब बता दो।
surenderpal vaidya
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
*बुढ़ापे का असर है यह, बिना जो बात अड़ते हो 【 हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
अगर आप रिश्ते
अगर आप रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
सावन सूखा
सावन सूखा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास।
माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
'अशांत' शेखर
आज और कल
आज और कल
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
क्रोध
क्रोध
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विचार
विचार
आकांक्षा राय
दस्तूर ए जिंदगी
दस्तूर ए जिंदगी
AMRESH KUMAR VERMA
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
श्री श्याम भजन
श्री श्याम भजन
Khaimsingh Saini
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
Rj Anand Prajapati
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
अध खिला कली तरुणाई  की गीत सुनाती है।
अध खिला कली तरुणाई की गीत सुनाती है।
Nanki Patre
योग
योग
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...