@इशारे हुए उनके मेरी तरफ@
इशारे हुये उनके मेरी तरफ
बर्फ गिरने लगी ज़मी की तरफ,,
इशारे हुए ज़मी के आसमाँ की तरफ।
कुछ इशारे हुये उनके मेरी तरफ,,
हम कदम बढ़ाने लगे, मोहब्बत की तरफ।
फूल मुस्कुराने लगे देख रवि की तरफ,
खुशबू बिखरने लगी फ़िज़ा की तरफ।
दामन छुड़ाकर जाने लगे वो गैरो की तरफ,
हम हाथ बढ़ाने लगे कांटो की तरफ।
कदम बढ़ाने लगे हम जहर की तरफ,
वो आएंगे रोने मेरे जनाजे की तरफ।
गायत्री सोनू जैन मन्दसौर