Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jul 2021 · 1 min read

इज्जत

इज्जत सरे बाजार नीलाम होती
वो दुकान शायद मुझमें ही है

साँझ पक्षी वापस घर लौटते है
वो घोसला शायद मुझमें ही है

सावन के मास सूने सूने से होते
वो झूले शायद मुझमे ही है

हर कदम पर कमीनापन दिखता
वो इन्साफ शायद मुझमे ही है

राजनीति गलियारा गन्दा दिखता
वो सफेदा शायद मुझमें ही है

78 Likes · 362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
" दीया सलाई की शमा"
Pushpraj Anant
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
दुष्यन्त 'बाबा'
कहू किया आइ रूसल छी ,  कोनो कि बात भ गेल की ?
कहू किया आइ रूसल छी , कोनो कि बात भ गेल की ?
DrLakshman Jha Parimal
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूछ लेना नींद क्यों नहीं आती है
पूर्वार्थ
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
काश
काश
हिमांशु Kulshrestha
हिसाब
हिसाब
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
आगाज़
आगाज़
Vivek saswat Shukla
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
खुशनसीबी
खुशनसीबी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
काश ये नींद भी तेरी याद के जैसी होती ।
काश ये नींद भी तेरी याद के जैसी होती ।
CA Amit Kumar
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मीलों का सफर तय किया है हमने
मीलों का सफर तय किया है हमने
कवि दीपक बवेजा
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
🙅महा-ज्ञान🙅
🙅महा-ज्ञान🙅
*Author प्रणय प्रभात*
पर्दाफाश
पर्दाफाश
Shekhar Chandra Mitra
खेल रहे अब लोग सब, सिर्फ स्वार्थ का खेल।
खेल रहे अब लोग सब, सिर्फ स्वार्थ का खेल।
डॉ.सीमा अग्रवाल
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
'अशांत' शेखर
आओ बैठो पियो पानी🌿🇮🇳🌷
आओ बैठो पियो पानी🌿🇮🇳🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक नई उम्मीद
एक नई उम्मीद
Srishty Bansal
मौत का क्या भरोसा
मौत का क्या भरोसा
Ram Krishan Rastogi
मुस्कानों पर दिल भला,
मुस्कानों पर दिल भला,
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-536💐
💐प्रेम कौतुक-536💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2540.पूर्णिका
2540.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
Muhabhat guljar h,
Muhabhat guljar h,
Sakshi Tripathi
ॐ
Prakash Chandra
Loading...