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4 Jul 2021 · 1 min read

इक मुहब्बत भरी कर नजर

इक मुहब्बत भरी कर नजर
आज स्वीकार की दे खबर

यह जहाँ छोड़ दोनों अभी
अब चले हम बसेंगे शहर

जिन्दगी आज तन्हा मिरी
हो गया प्यार अब इस कदर

देख राहें हसीं हो रही
हो रही जो सरल हर डगर

प्रेम होगा कभी जब अलग
तब मचेगा किसी घर गदर

रूठ जाता चंचल दिल कभी
धड़कने धड़कती बेअसर

सब मुहब्बत पे कुर्बान है
हर दवा हो रही बेअसर

साथ दोनों रहेगे हम तभी
जब दिलों में बसाये नगर

जब रहोगे मिरे साथ में
फिर न कोई अगर औ मगर

78 Likes · 1 Comment · 333 Views
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