Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2017 · 1 min read

** इक दूजे के होंलें हम **

रंगो का त्यौहार है होली
अपनों का प्यार है होली
भूलों का सुधार है होली
गुलो से गुलज़ार है होली।।
?होली मुबारक

मिल जायें होली में रंग
हरा-नीला लाल-पीला
मिल जायें सब इकसंग
भेद ना कोई जान सके
संग मिला कौन सा रंग
भेद मिटा इकदूजे का
मिल जाये संगसंग हम
होली है होली है होली
इकदूजे के होंलें हम ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
अहंकार
अहंकार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
दोगला चेहरा
दोगला चेहरा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
Seema Verma
Needs keep people together.
Needs keep people together.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
बहुत जरूरी है एक शीतल छाया
Pratibha Pandey
हमारा सफ़र
हमारा सफ़र
Manju sagar
"याद तुम्हारी आती है"
Dr. Kishan tandon kranti
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
Dr fauzia Naseem shad
आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हिंदी माता की आराधना
हिंदी माता की आराधना
ओनिका सेतिया 'अनु '
चंद्रयान-3
चंद्रयान-3
Mukesh Kumar Sonkar
3026.*पूर्णिका*
3026.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
फितरत है इंसान की
फितरत है इंसान की
आकाश महेशपुरी
जिंदगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए
जिंदगी को हमेशा एक फूल की तरह जीना चाहिए
शेखर सिंह
होलिका दहन
होलिका दहन
Buddha Prakash
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Meri asuwo me use rokane ki takat hoti
Meri asuwo me use rokane ki takat hoti
Sakshi Tripathi
उम्मीद नहीं थी
उम्मीद नहीं थी
Surinder blackpen
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
अपनी घड़ी उतार कर किसी को तोहफे ना देना...
अपनी घड़ी उतार कर किसी को तोहफे ना देना...
shabina. Naaz
*कष्ट दो प्रभु इस तरह से,पाप सारे दूर हों【हिंदी गजल/गीतिका】*
*कष्ट दो प्रभु इस तरह से,पाप सारे दूर हों【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...