Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2021 · 1 min read

इक तरफ़ा मोहब्बत

जब भी तुझे देखता हूँ, मेरी उमर के साल गिर जाते है ।
इज़हारे मोहब्बत के स्पर्श, मेरे गालों पर छप आते है।।

तेरे लबों की छाप और स्पर्श को दिल मे सँजोये रखा है ।
जब भी कोई उर्वशी देखता हूँ, पुराने जज़्बात उभर आते है।।

सांवरा सा मुखड़ा, ज़िस्म कसी हुई नाव सा अल्हड़ ।
तेरे हर चप्पू पर, दिल की झील में कई भवर निकल आते है ।।

मोहब्बत के एहसास को, प्याज की परतों की तरह लिखता रहा ।
मगर तू समझ ना सकी, और मेरे आँसू निकल आते है।।

इस एक तरफा प्यार की वारिश में, मैं ही भीगता रहा ता उम्र ।
जब भी तुझे भिगाने की कोशिस की, तेरे छाते निकल आते है ।।

तुझे जब जब मिला, स्कूल के बाहर,सड़क या पार्क में मिला ।
मेरी आशिकी को देख, तेरे अनजाने भाई हर जगह निकल आते है ।।

Language: Hindi
2 Comments · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
मेरी आत्मा ईश्वर है
मेरी आत्मा ईश्वर है
Ms.Ankit Halke jha
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
बहुत-सी प्रेम कहानियाँ
पूर्वार्थ
दल बदलू ( बाल कविता)
दल बदलू ( बाल कविता)
Ravi Prakash
* शुभ परिवर्तन *
* शुभ परिवर्तन *
surenderpal vaidya
नारी बिन नर अधूरा✍️
नारी बिन नर अधूरा✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बखान सका है कौन
बखान सका है कौन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
किसान भैया
किसान भैया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
प्रेम मे डुबी दो रुहएं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मछलियां, नदियां और मनुष्य / मुसाफ़िर बैठा
मछलियां, नदियां और मनुष्य / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
प्रथम संवाद में अपने से श्रेष्ठ को कभी मित्र नहीं कहना , हो
प्रथम संवाद में अपने से श्रेष्ठ को कभी मित्र नहीं कहना , हो
DrLakshman Jha Parimal
💐प्रेम कौतुक-469💐
💐प्रेम कौतुक-469💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दुश्मन कहां है?
दुश्मन कहां है?
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रोजी रोटी के क्या दाने
रोजी रोटी के क्या दाने
AJAY AMITABH SUMAN
SCHOOL..
SCHOOL..
Shubham Pandey (S P)
दुनियाभर में घट रही,
दुनियाभर में घट रही,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मिले हम तुझसे
मिले हम तुझसे
Seema gupta,Alwar
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ा अकेले में
कवि दीपक बवेजा
3213.*पूर्णिका*
3213.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
कृष्ण दामोदरं
कृष्ण दामोदरं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
sushil sarna
उनके ही नाम
उनके ही नाम
Bodhisatva kastooriya
Wishing power and expectation
Wishing power and expectation
Ankita Patel
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
"गिरना, हारना नहीं है"
Dr. Kishan tandon kranti
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
मेरी चाहत
मेरी चाहत
Namrata Sona
■ दोहा-
■ दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
" मैं सिंह की दहाड़ हूँ। "
Saransh Singh 'Priyam'
Loading...