Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2017 · 1 min read

इंसान का मजहब

बैठे सब खुद का लिये किसको सुनाया जाए
अपना गम लेके कहीं और न जाया जाए

भेद कोई न हो इंसान रहें सब हो कर
एक मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए

एक क़िरदार मिला जो है निभा लें उसको
क्यूँ ख़ुदा खुद को यहाँ ख़ुद से बनाया जाए

ज़द में आकाश है क़दमों के तले है ये ज़मीं
हौसलों को लगा पर क्यों न उड़ाया जाए

हो सबब कोई कि मरने पे सभी याद करें
चलते चलते ज़रा नेकी भी कमाया जाए

435 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रमेशराज के विरोधरस दोहे
रमेशराज के विरोधरस दोहे
कवि रमेशराज
जीवन का कठिन चरण
जीवन का कठिन चरण
पूर्वार्थ
हम पचास के पार
हम पचास के पार
Sanjay Narayan
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
द्वारिका गमन
द्वारिका गमन
Rekha Drolia
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
ईमानदारी की ज़मीन चांद है!
ईमानदारी की ज़मीन चांद है!
Dr MusafiR BaithA
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
रस्सी जैसी जिंदगी हैं,
Jay Dewangan
3241.*पूर्णिका*
3241.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
दुष्यन्त 'बाबा'
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
Rj Anand Prajapati
बुंदेली दोहा-अनमने
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हो नजरों में हया नहीं,
हो नजरों में हया नहीं,
Sanjay ' शून्य'
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
■ दोमुंहा-सांप।।
■ दोमुंहा-सांप।।
*Author प्रणय प्रभात*
"रहस्यमयी"
Dr. Kishan tandon kranti
जात आदमी के
जात आदमी के
AJAY AMITABH SUMAN
💐प्रेम कौतुक-199💐
💐प्रेम कौतुक-199💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Har roj tumhara wahi intajar karti hu
Sakshi Tripathi
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
वो बातें
वो बातें
Shyam Sundar Subramanian
हजारों  रंग  दुनिया  में
हजारों रंग दुनिया में
shabina. Naaz
फितरत
फितरत
Mamta Rani
Loading...