Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2021 · 5 min read

-इंसानियत

सावन की बूंदें धरा पर पड़ते ही और मिट्टी की महक से सारा माहौल खुशनुमा हो गया।आज रीमा हल्की बारिश को हाॅस्पिटल की खिड़की से देखती हुई पुरानी स्मृतियों में खो गई।
आज से इक्कीस- बाइस साल पहले जब वो अपनी बहन के साथ बाजार घर वापिस आ रही थी, अचानक धीमी बारिश आई। दोनों ने अपनी चाल को तेज कर घर की ओर बढ़ी।
अचानक पीछे एक बाईक उस से टकराई रीमा टक्कर से धरती पर गिर गई और रीमा की बहन बहुत घबरा गई थी।
बाजार में सब बाइक वाले की गलती बता कर उसे अनाप-शनाप बोल रहे थे, लेकिन मदद के लिए जल्दी से कोई नहीं आया था। बाइक चालक तुरन्त अपनी बाइक को एक साईड खड़ी कर,अॉटो को बुला मुझे अन्य लोगों की मदद से रीमा को अॉटो में लिटाकर कर और रीमा की बहन को साथ बैठाकर पास के हाॅस्पिटल में ले गया । तुरंत डॉक्टर से विनती कर रीमा को फटाफट भर्ती करवाया।उस समय रीमा की बहन को भी कुछ नहीं सूझा और बस रोती हुई साथ बैठकर चल पड़ी।उस समय मोबाइल फोन उनके पास नहीं थे।उस बाइक वाले ने रीमा की बहन से हमारे घर के फोन नम्बर लिया और पापा को फोन किया। सब कुछ बता कर उन्हें हॉस्पिटल बुलाया।पापा -मम्मी घबरा कर
अस्पताल आए तो रीमा की बहन जो छोटी थी और थोडी मुंहफट भी,,,,
पापा के आते ही” पापा इस लड़के ने दीदी को टक्कर लगाई है,इसको बाइक चलानी आती नहीं है तो क्यों चलाते हैं?”
न जाने उसने अपना सारा गुस्सा शब्दों से उगल दिया। “कहां है ,रीमा कैसी है? ” पापा घबरा कर बोले।
बाइक चालक सामने से दवाई लेकर आया तो रीमा की बहन के पास पापा को देख कर बोला” आप अब चिंता नहीं करें, आपकी बेटी के थोड़ी -सी चोट लगी है अभी होश आ जाएगा, अभी मैं डॉक्टर साहब से ही मिल कर आया हूं।”
रीमा के पापा भी कम नहीं,,,,, गर्म मिजाज था उनका कुछ ना जाने बिना,,, बाइक वाले पर बरस पड़े।
लेकिन वो कुछ बोले रीमा के पास आ गया।

तभी डॉक्टर साहब आते दिखाई पड़े। रीमा की बहन बोली “सर ,अब मेरी बहन कैसी है ,दीदी को होश तो आ गया ना?”
अब आपकी बहन ठीक है,कल आप उनको छुट्टी दिला कर घर ले जा सकते हो। “धन्यवाद डॉक्टर!” साहब रीमा के पापा बोले।
अरे भई! धन्यवाद मुझे नहीं उस इंसान को दो जो उसे सही समय पर अस्पताल लेकर आया है।” अंदर ही है वो समझदार इंसान।
……इधर रीमा को होश आया तो वो बाइक वाला रीमा के सिरहाने रखी टेबल पर ही बैठा था। रीमा को होश में देखकर नम्रता से बोला” मैडम जी,अब आप को कैसा लग रहा है?
मैं थोड़ा सही महसूस कर रही थी। रीमा ने जब उस व्यक्ति आश्चर्यभरी निगाह से देखा!”आप अभी यहीं पर!!!
मैं अब अच्छा महसूस कर रही हूं”
रीमा ने उसके सवाल का जबाव दिया।
इतने में पापा, मम्मी और छुटकी भी अंदर आ गए। पापा ने रीमा सिर पर हाथ फेरा और पुचकारा, “भगवान का लाख-लाख शुक्र है तु ठीक है”
वो बाइक वाला लड़का बोला” अंकल जी अब मैं चलता हूं मुझे बाइक भी लेनी है और अपने घर जाना है। अब बारिश भी नहीं हो रही है, मेरी मां भी चिंता कर रही होगी।अब सब ठीक भी है।”
तभी रीमा धीरे से बोल पड़ी” सुनिए, श्रीमान जी आपकी गलती नहीं थी,गलती हम दोनों बहनों की थी बारिश की वजह हम सड़क की गलत साइड से चल रहे और आपकी बाइक की हॉर्न की आवाज को भी अनसुना कर गए” और मैं टकरा गई , इसमें आपकी कोई गलती नहीं है। आपका बहुत- बहुत धन्यवाद!!
पापा ने भी उस को बहुत धन्यवाद दिया अपनी तरफ से बोले कटु वचनों के लिए भी हाथ जोड़कर मॉफी मांगी।
“आप हाथ नहीं जोड़े अंकल जी,आप बड़े हैं इनके पापा है ऐसा तो होता ही है।”। पता नहीं पापा को क्या हुआ उस लड़के का फोन नंबर और पता भी ले लिया।
वो लड़का तो चला गया,पर जाते- जाते हम सब के दिलों में सुंदर और अच्छी छबि छोड़ गया।
रीमा के पापा ने तो रीमा स्वस्थ होते ही उस लड़के की छानबीन करनी शुरू कर दिया। सब कुछ सही लगा तब रीमा के रिश्ते की बात उस लड़के से करने के लिए मम्मी से कहा-“सुनो रीमा की मम्मी, वो कैसा लड़का रहेगा अपनी रीमा के लिए?”
मम्मी ने कहा -“लड़का तो दिल का तोअच्छा है लेकिन थोड़ा सांवला है,पता नहीं रीमा को पसंद आएगा?”
रीमा ने उनकी बातों को सुना। रीमा के दिल में वो टक्कर मारने वाला पहले से ही अपनी अच्छाइयों की छाप छोड़ गया ;;
बातों ही बातों में मम्मी ने रीमा से पूछ ही लिया। रीमा ने बोला- मम्मी आपको अच्छा लगे वो मुझे भी अच्छा लगेगा।
पापा ने रीमा की शादी की बात उस टक्कर करने वाले लड़के के घर जाकर करी।
और रीमा और नगेंद्र ( बाइक चालक) की धूमधाम से शादी हो गई।
समय भी कितनी जल्दी निकल गया….
दो बिटिया के मम्मी पापा बन गए।

इतने में रीमा का पति हॉस्पिटल से रीमा के डिस्चार्ज पेपर तैयार करके आते हैं और पीछे से बांहों को रीमा के गले में डाल कर पुरानी यादों से हिला देते हैं।
रीमा अपनी पुरानी स्मृतियों से निकल पति मुस्कराते चेहरे को देखकर बहुतखुश होती है।”आप आज भी पहले जैसे ही है कितनी परवाह करते हैं मेरी!!” रीमा पति की तरफ मुड़ कर बोली। “हमेशा तो तुम ही मेरी जरुरतों का ध्यान रखती हो,इतना क्यों सोच रही हो, रीमा।
पगली , पति- पत्नी तो एक गाड़ी के दो पहिए जैसे है दोनों के बिना जिंदगी की गाड़ी नहीं चलती है।” और तुम मेरी अर्धांगिनी हो, तुम्हारा ख्याल मैं नहीं तो कौन रखेगा?” चलो अब घर, बच्चे भी इंतजार कर रहे होंगे। तुम स्वस्थ हो और क्या चाहिए ,, रीमा के पति ने रीमा से कहा।
गाड़ी से घर आते -आते रीमा अपने इस खूबसूरत दाम्पत्य जीवन की समर्पण और प्यार पर गर्व महसूस कर रहीं थीं।

आज इक्कीस- बाईस साल बाद भी दो बेटियों के माता-पिता बनने के बाद भी दोनों में प्यार बढ़ता गया।
हर समय एक-दूसरे का सम्मान और समर्पण की भावना दुगनी होती जाती है।
-सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पातुक
पातुक
शांतिलाल सोनी
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
मुफ्त राशन के नाम पर गरीबी छिपा रहे
VINOD CHAUHAN
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
हंस के 2019 वर्ष-अंत में आए दलित विशेषांकों का एक मुआयना / musafir baitha
हंस के 2019 वर्ष-अंत में आए दलित विशेषांकों का एक मुआयना / musafir baitha
Dr MusafiR BaithA
कर्म-बीज
कर्म-बीज
Ramswaroop Dinkar
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
23/45.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/45.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! शिव-शक्ति !!
!! शिव-शक्ति !!
Chunnu Lal Gupta
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
ये दुनिया घूम कर देखी
ये दुनिया घूम कर देखी
Phool gufran
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
पूर्वार्थ
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
Dr Archana Gupta
मत कहना ...
मत कहना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
धन से कब होता जुड़ा ,खुशियों भरा स्वभाव(कुंडलिया)
धन से कब होता जुड़ा ,खुशियों भरा स्वभाव(कुंडलिया)
Ravi Prakash
बेशर्मी के हौसले
बेशर्मी के हौसले
RAMESH SHARMA
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
डॉक्टर रागिनी
हाथ में खल्ली डस्टर
हाथ में खल्ली डस्टर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मन से भी तेज ( 3 of 25)
मन से भी तेज ( 3 of 25)
Kshma Urmila
कुछ हाथ भी ना आया
कुछ हाथ भी ना आया
Dalveer Singh
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
** अब मिटाओ दूरियां **
** अब मिटाओ दूरियां **
surenderpal vaidya
आजादी की चाहत
आजादी की चाहत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नवयुग का भारत
नवयुग का भारत
AMRESH KUMAR VERMA
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
Manisha Manjari
जीने का सलीका
जीने का सलीका
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
NUMB
NUMB
Vedha Singh
अल्फाज़
अल्फाज़
Shweta Soni
धुंध इतनी की खुद के
धुंध इतनी की खुद के
Atul "Krishn"
माँ का आशीर्वाद पकयें
माँ का आशीर्वाद पकयें
Pratibha Pandey
Loading...