Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2019 · 1 min read

इंसानियत का भाव

प्रेम करूणा दया और सद्भाव नहीं भूलूंगा
कुछ भी हो इंसानियत का भाव नहीं भूलूंगा

हमने बुजुर्गों को अपने पाया है वरदान में
अपना मान भी बसा कनिष्ठों के सम्मान में
भाषा जो प्रेम की है वो सबसे सरल जहान में
ये साथ निभाता है व्यक्तित्व के उत्थान में

प्रेम का सभी पर है प्रभाव नहीं भूलूंगा
कुछ भी हो इंसानियत का भाव नहीं भूलूंगा

न दौलतें न धन न ही कार हमें प्यारे हैं
पुरखे जो देके गए वो संस्कार हमें प्यारे हैं
गुरुओं के दिए विद्या के संचार हमें प्यारे हैं
मां बाप के चरणों के आकार हमें प्यारे हैं

पाला है जिसमें रहके भी वो अभाव नहीं भूलूंगा
कुछ भी हो इंसानियत का भाव नहीं भूलूंगा

जिंदगी से हारना कायरता की निशानी है
सुख व दुख तो जिंदगी की एक अटल कहानी है
सुख में दुख में रस्म जीवन की हर निभानी है
जीत लेंगे जिंदगी को हार नहीं मानी है

उतार है जीवन कभी चढा़व नहीं भूलूंगा
कुछ भी हो इंसानियत का भाव नहीं भूलूंगा
कुछ भी हो इंसानियत का भाव नहीं भूलूंगा

विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 565 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार~
विचार~
दिनेश एल० "जैहिंद"
■ स्लो-गन बोले तो धीमी बंदूक। 😊
■ स्लो-गन बोले तो धीमी बंदूक। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
पूर्वार्थ
Advice
Advice
Shyam Sundar Subramanian
धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग ।
धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग ।
Arvind trivedi
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भोली बिटिया
भोली बिटिया
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
🪸 *मजलूम* 🪸
🪸 *मजलूम* 🪸
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बीतल बरस।
बीतल बरस।
Acharya Rama Nand Mandal
2645.पूर्णिका
2645.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
""बहुत दिनों से दूर थे तुमसे _
Rajesh vyas
इस तरह बदल गया मेरा विचार
इस तरह बदल गया मेरा विचार
gurudeenverma198
जीत वो सकते हैं कैसे
जीत वो सकते हैं कैसे
Dr fauzia Naseem shad
॰॰॰॰॰॰यू॰पी की सैर॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰यू॰पी की सैर॰॰॰॰॰॰
Dr. Vaishali Verma
चाय-दोस्ती - कविता
चाय-दोस्ती - कविता
Kanchan Khanna
राहें भी होगी यूं ही,
राहें भी होगी यूं ही,
Satish Srijan
सच बोलने की हिम्मत
सच बोलने की हिम्मत
Shekhar Chandra Mitra
मार्तंड वर्मा का इतिहास
मार्तंड वर्मा का इतिहास
Ajay Shekhavat
तू है एक कविता जैसी
तू है एक कविता जैसी
Amit Pathak
"अहा जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
........
........
शेखर सिंह
उसी संघर्ष को रोजाना, हम सब दोहराते हैं (हिंदी गजल))
उसी संघर्ष को रोजाना, हम सब दोहराते हैं (हिंदी गजल))
Ravi Prakash
हो जाऊं तेरी!
हो जाऊं तेरी!
Farzana Ismail
मैं कुछ इस तरह
मैं कुछ इस तरह
Dr Manju Saini
अगर सक्सेज चाहते हो तो रुककर पीछे देखना छोड़ दो - दिनेश शुक्
अगर सक्सेज चाहते हो तो रुककर पीछे देखना छोड़ दो - दिनेश शुक्
dks.lhp
फितरत को पहचान कर भी
फितरत को पहचान कर भी
Seema gupta,Alwar
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते हैं, पर उनकी बातों में विश
जय लगन कुमार हैप्पी
चाहत में उसकी राह में यूं ही खड़े रहे।
चाहत में उसकी राह में यूं ही खड़े रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
सोचो यदि रंगों में ऐसी रंगत नहीं होती
Khem Kiran Saini
Loading...