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14 Jan 2017 · 1 min read

||इंद्रधनुषी जीवन ||

“कुछ नगमे अधूरे अब भी है
कुछ गीत नए होठो पे बाकी है
सपनो के उस दर्पण में
कुछ ख्वाब अभी भी बाकी है ,
इंद्रधनुषी इस जीवन में
फिर से कुछ रंग नए भरने है
जीवन की सच्चाई से ऊपर उठकर
कुछ मुकाम नए हासिल करने है ,
लम्बा सफर है जीवन का
संघर्षों भरी कहानी है
ना हार मानो कभी भी इसमें
इस हार के आगे जीत सुहानी है ,
ना रूठो छोटी मुसीबतों से
प्यार करो तुम इनको जी भरके
फिर हर मंजिल आसां है अपनी
ना मुह मोड़ो इनसे तुम घबराके ,
हसते हुए इस पल को जियो
यही श्रेष्ठता की निशानी है
डर के भागे अगर इससे तुम
तो जीवन जीना फिर बेमानी है ||”

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