Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2019 · 1 min read

आ गये राजे महाराजे

चुनावी सरगर्मी मे अपनी राह बनाती कविता
————————————————————–

आज के राजे-महाराजे
———————–
आ गये आज के
राजे-महाराजे
ढोल बजाते
सजा कर
अपने अपने खोमचे

ढेर सारे लेकर वादे
खटी मीठी बातें
बड़ी बड़ी उम्मीदें
दोना भर घोषणायें
कुछ बक़ाया हैं पिछली
गोया कि चुनांचे

हम हैं इस गली
के राजे
याचक बन आये
झोला फैलाये
पिछली बातें
भूल भी जाओ
सब कुछ ढल जायेगा
ये लो अपने अपने साँचे

आओ आओ
नारे ले लो
आओ आओ
वादे ले लो
पैसे ले लो
ऐसे ले लो
वैसे ले लो
खोमचा मेरा
सब कुछ बाँचे

पिछली बातें
तुम भी भूलो
हम भी भूलें
मेरे लिये बस
वोट दबा दो
ये लो कागज़
सब लिखा है
काग़ज़ी घोड़े भरे कुलाँचे

पाँच साल तक
कभी न फटके
अब घर घर
जा कर
पाँव पखारे
चाहे उनका
नाम न जाने
अब सारे हैं
मामे चाचे
———————————
राजेश’ललित’शर्मा
३:४८
३-४-२०१८
स्वरचित

Language: Hindi
6 Likes · 1 Comment · 342 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पराक्रम दिवस
पराक्रम दिवस
Bodhisatva kastooriya
देश अनेक
देश अनेक
Santosh Shrivastava
" मुझे सहने दो "
Aarti sirsat
“यादों के झरोखे से”
“यादों के झरोखे से”
पंकज कुमार कर्ण
यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/भगवान!
यूं ही नहीं कहलाते, चिकित्सक/भगवान!
Manu Vashistha
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
क़ीमती लिबास(Dress) पहन कर शख़्सियत(Personality) अच्छी बनाने स
Trishika S Dhara
क्यों तुम उदास होती हो...
क्यों तुम उदास होती हो...
Er. Sanjay Shrivastava
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
Kanchan Khanna
"सूनी मांग" पार्ट-2
Radhakishan R. Mundhra
2771. *पूर्णिका*
2771. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन मे कुछ निर्णय
जीवन मे कुछ निर्णय
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
मेरी बेटी है, मेरा वारिस।
लक्ष्मी सिंह
नूतन वर्ष की नई सुबह
नूतन वर्ष की नई सुबह
Kavita Chouhan
*प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 2 फरवरी 2022*
*प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संबोधन : 2 फरवरी 2022*
Ravi Prakash
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
नहीं हम हैं वैसे, जो कि तरसे तुमको
gurudeenverma198
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Agarwal
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
फिर हो गया सबेरा,सारी रात खत्म,
Vishal babu (vishu)
बचा  सको तो  बचा  लो किरदारे..इंसा को....
बचा सको तो बचा लो किरदारे..इंसा को....
shabina. Naaz
मतदान
मतदान
Anil chobisa
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
आज के माहौल में
आज के माहौल में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
Shekhar Chandra Mitra
*
*"बसंत पंचमी"*
Shashi kala vyas
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
Neelam Sharma
“ आहाँ नीक, जग नीक”
“ आहाँ नीक, जग नीक”
DrLakshman Jha Parimal
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
तलाश है।
तलाश है।
नेताम आर सी
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
Krishna Kumar ANANT
Loading...