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28 Jul 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

मंजिल सफ़र में नहीं आते
रास्ते नज़र में नहीं आते ।

हौसला करूँ तो भला कैसे
इरादे ज़बर मे नहीं आते ।

(ज़बर =मजबूती से,दृढ़ता)

राजा हो या रंक,कौन है ऐसा ?
जो खुदा के घर मे नहीं आते ।

दफन हो जाती हैं कुछ चीखें
कभी जो खबर मे नहीं आते ।

काटें है पेड़ इस कदर हमनें
छाँव अब डगर मे नहीं आते ।
-अजय प्रसाद
AJAY PRASAD
TGT ENGLISH DAV PS PGC
BIHARSHARIF,NALANDA ,BIHAR
803216 ?9006233052

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