Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

मुहब्बत की मुश्किलें और कितना बढ़ाएगा
तारीफों के लिए चार चांद कहाँ से लगाएगा ।
अपने पैरों पे तो ठिक से अभी खड़ा हुआ नहीं
महबूबा के लिए चांद तारे कैसे तोड़ लाएगा ।
बात करता है जो तू ज़माने से टकराने की
अबे हौसला तू भला क्या इतना कर पाएगा।
एक ज़िंदगी में रिश्ते संभाले नहीं जाते यहाँ
सातों जनम तू क्या खाक साथ निभाएगा।
छोड़ दे अजय कसमे,वादे प्यार वफ़ा की बातें
आंखे मूंदते ही तू पूरी दुनिया को भूल जाएगा।
-अजय प्रसाद

1 Like · 153 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फूल और खंजर
फूल और खंजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कान खोलकर सुन लो
कान खोलकर सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मनुष्यता कोमा में
मनुष्यता कोमा में
Dr. Pradeep Kumar Sharma
2733. *पूर्णिका*
2733. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ पौधरोपण दिखावे और प्रदर्शन का विषय नहीं।
■ पौधरोपण दिखावे और प्रदर्शन का विषय नहीं।
*Author प्रणय प्रभात*
आओ चलें नर्मदा तीरे
आओ चलें नर्मदा तीरे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
कोई गैर न मानिए ,रखिए सम्यक ज्ञान (कुंडलिया)
कोई गैर न मानिए ,रखिए सम्यक ज्ञान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
उच्च पदों पर आसीन
उच्च पदों पर आसीन
Dr.Rashmi Mishra
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
कांटें हों कैक्टस  के
कांटें हों कैक्टस के
Atul "Krishn"
*बोल*
*बोल*
Dushyant Kumar
दूरदर्शिता~
दूरदर्शिता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
तभी भला है भाई
तभी भला है भाई
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कबूतर
कबूतर
Vedha Singh
रिश्ते
रिश्ते
Punam Pande
इससे ज़्यादा
इससे ज़्यादा
Dr fauzia Naseem shad
उठो द्रोपदी....!!!
उठो द्रोपदी....!!!
Neelam Sharma
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
दोहे- उड़ान
दोहे- उड़ान
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
एक रावण है अशिक्षा का
एक रावण है अशिक्षा का
Seema Verma
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बचपन
बचपन
Dr. Seema Varma
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
दीप माटी का
दीप माटी का
Dr. Meenakshi Sharma
"पृथ्वी"
Dr. Kishan tandon kranti
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
सूने सूने से लगते हैं
सूने सूने से लगते हैं
Er. Sanjay Shrivastava
Loading...