Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

गज़ल
212 212 212 212
फूल चुभने लगे हर खुशी के मुझे
ख्वाब डसने लगे जिंदगी के मुझे ।

आ गई रास है मुझको नाकामियां
गीत अच्छे लगे बेबसी के मुझे ।

अब बना मेरा अन्धेरा है हमसफर
छोड़ साथी गए रौशनी के मुझे ।

आ गया हूँ चमन से मैं वीराने में
रंग फीके लगे हर कली के मुझे।

चैन जब लूट मेरा गया दोस्तों
दर्द अच्छे लगे आदमी के मुझे

दिल जला,घर जला,जिंदगी जल गई
ये सिले हैं मिले आशिक़ी के मुझे ।

मेरे दुशमन तू अब दुश्मनी ही निभा
तोहफे भेज मत दोस्ती के मुझे ।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
शरद पूर्णिमा का चांद
शरद पूर्णिमा का चांद
Mukesh Kumar Sonkar
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
कब मिलोगी मां.....
कब मिलोगी मां.....
Madhavi Srivastava
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम
■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम
*Author प्रणय प्रभात*
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
वतन
वतन
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
अप्प दीपो भव
अप्प दीपो भव
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-271💐
💐प्रेम कौतुक-271💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तभी भला है भाई
तभी भला है भाई
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
जब भी बुलाओ बेझिझक है चली आती।
Ahtesham Ahmad
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नैनों में प्रिय तुम बसे....
नैनों में प्रिय तुम बसे....
डॉ.सीमा अग्रवाल
So many of us are currently going through huge energetic shi
So many of us are currently going through huge energetic shi
पूर्वार्थ
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
सीख
सीख
Sanjay ' शून्य'
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
समझौता
समझौता
Sangeeta Beniwal
नफरत थी तुम्हें हमसे
नफरत थी तुम्हें हमसे
Swami Ganganiya
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
सोचता हूँ
सोचता हूँ
Satish Srijan
कविता
कविता
Bodhisatva kastooriya
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
आर.एस. 'प्रीतम'
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
आदमी की आँख
आदमी की आँख
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...