आज़ादी
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किसने खोजा था आज़ादी
किसने चाहा था आज़ादी।
था कौन समझता आज़ादी!
जिस अर्थ में अब है आज़ादी।
अनुशासित क्यों न हो आज़ादी?
सम्पादित क्यों न हो आज़ादी?
पर्वत को कैसी आजादी!
इस धरा को कितनी आजादी!
शोषण हेतु क्या आज़ादी?
तुम रहे माँग जो आजादी।
किसको कैसी हो आज़ादी?
हाँ, कहने की हो आज़ादी।
मर्यादित हो पर आज़ादी।
क्यों युद्ध की हो पर,आज़ादी?
संहार को कैसी आज़ादी। ?
विध्वंस की कैसी आज़ादी?
जीवन जीने की आज़ादी।
पीडाओं से हो आज़ादी।
अहंकार से आज़ादी।
हर बलात्कार से आज़ादी।
हाँ हो विचार की आज़ादी।
नहीं कुविचार की आज़ादी।
परिवर्तन की हो आज़ादी।
संवर्धन की पर, आज़ादी।
संरक्षण की हो आज़ादी।
संशोधन की हो आज़ादी।
मन-मानवीय की आज़ादी।
नहीं लक्ष्यहीन हो आज़ादी।
कर्तव्यहीन न हो आज़ादी।
दु:शासन से हो आज़ादी।
हो दूरदृष्टि की आज़ादी।
हर सृष्टि की हो आज़ादी।
आंधी जैसी न हो आज़ादी।
हो गाँधी जी की हर आज़ादी।
उज्ज्वल,निर्मल हो आज़ादी।
सबके विकास हित आज़ादी।
सब साथ चलें ले आज़ादी।
दिग्भ्रमित न कर दो आज़ादी।
आहत मत कर दो आज़ादी।
तितर-बितर मत कर आज़ादी।
हो व्यवस्थित सर्वदा आज़ादी।
इससे न इतर हो आज़ादी।
पहले व्याख्यायित कर आज़ादी।
कैसी कल्पित तेरी आज़ादी।
तेरा गुलाम क्यों हो आज़ादी?
नारों में तुम्हारी आज़ादी।
आजाद रहे यह आज़ादी।
आबाद रहे यह आज़ादी।
अक्षुण्ण रहे हर आज़ादी।
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