Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2021 · 1 min read

आख़िर भय क्यों ?

मौत के तांडव से आख़िर भय क्यों ?
जिंदा इंसान कब था मरे से भय क्यों ?

क्या मौत आने से ही मरता इंसान ?
फिर आज ग़म-ग़मगीन इंसान क्यों है ?

कितने ही क्यों छिपे बैठे दिल कोने में
आख़िर इंसान जिंदा है तो क्यों ?

बडा अजीब जानवर है इंसान
आख़िर जानवर हो इंसान क्यों है ?

कहते है इंसानो की सोहबत में
जानवर भी इंसान बन रहता है ।

इंसान किस जानवर की सोहबत पा
खो इंसानियत जानवर बना आज ।

मौत के तांडव से आख़िर भय क्यों ?
जिंदा इंसान कब था मरे से भय क्यों ?

क्या मौत आने से ही मरता इंसान ?
फिर आज ग़म-ग़मगीन इंसान क्यों है ?

डर मत डगर पर चलाचल छल मत
न अपने को ना अपनों को भला ।

मौत से क्या डरना मरकर अमर बन
हो पार नाव चढ़ थाम पतवार घर अपने।

उत्सव मना चल उस ओर चल
आनन्दमग्न भग्न आशायें मत कर ।

मौत के तांडव से आख़िर भय क्यों ?
जिंदा इंसान कब था मरे से भय क्यों ?

क्या मौत आने से ही मरता इंसान ?
फिर आज ग़म-ग़मगीन इंसान क्यों है ?

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
3 Likes · 457 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
रेखा कापसे
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
.......,,
.......,,
शेखर सिंह
ज़िंदगी की उलझन;
ज़िंदगी की उलझन;
शोभा कुमारी
उसने मुझको बुलाया तो जाना पड़ा।
उसने मुझको बुलाया तो जाना पड़ा।
सत्य कुमार प्रेमी
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
प्रेम
प्रेम
Ranjana Verma
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"न तितली उड़ी,
*Author प्रणय प्रभात*
भूल गई
भूल गई
Pratibha Pandey
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
वो सबके साथ आ रही थी
वो सबके साथ आ रही थी
Keshav kishor Kumar
Open mic Gorakhpur
Open mic Gorakhpur
Sandeep Albela
सुबह का भूला
सुबह का भूला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
//खलती तेरी जुदाई//
//खलती तेरी जुदाई//
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
एहसास
एहसास
Kanchan Khanna
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
पूर्वार्थ
गम इतने दिए जिंदगी ने
गम इतने दिए जिंदगी ने
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जाने के बाद .....लघु रचना
जाने के बाद .....लघु रचना
sushil sarna
विजय या मन की हार
विजय या मन की हार
Satish Srijan
"इंसान हो इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेस कांफ्रेंस
प्रेस कांफ्रेंस
Harish Chandra Pande
मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कितनी प्यारी प्रकृति
कितनी प्यारी प्रकृति
जगदीश लववंशी
💐प्रेम कौतुक-297💐
💐प्रेम कौतुक-297💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हो गरीबी
हो गरीबी
Dr fauzia Naseem shad
माँ काली
माँ काली
Sidhartha Mishra
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
Loading...