Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2021 · 1 min read

#आहटें#

ये कैसी है आहटेंं तेरी, अक्सर सोते हुए भी मुझे जागने सा एहसास करा जाती हैंं!
यादोंं के जंगल मे शेरनी बने बैठे हो,ख्वाबो ख्यालोंं की बनी हो मल्लीका!
आखोंं मेंं कुछ यूँँ बैठे हो, कलम धरते ही तस्वीरोंं मे उकेर जाया करती हो!
झरना किनारे बैठूँँ या टहलूँँ बागोंं मेंं, हवाएँँ भी तेरी ख्शबूएँँ लिए
सरसराती हैंं !
ये कैसी हैंं आहटेंं तेरी,अक्सर सोते हुए भी जागने सा एहसास करा जाती हैंं !

ये कौन सा जादु करके रखा है जानम की लम्हा भर भी दिल को अब सकून नहींं मिलता!
बस खोया रहता है दिल तेरी ही मखमली यादोंं मेंं !फिर पलक झपकते ही छूमंतर हो जाया करती हो!
ख्वाबोंं मेंं मिलने का वादा करके जाने हकीकत मे क्यूँँ इतना तडपाती है!
ये कैसी हैंं आहटेंं तेरी,अक्सर सोते हुए भी जागने सा एहसास करा जाती हैंं!

चैन लुटने की ये तरकीबेंं कहाँँ से सीखी हो, जानेमन हुनर ये हमेंं भी सिखाया करो!
दुर क्यूँँ बैठे हो ,पास बैठो,कभी जाम होठोंं से पिलाया करो!
कभी आया करो मेरी गली मेंं,फूलो की कली मेंं,भौरा बन के मधूर गीत गाऐगेंं !
सुनाऐगेंं हाल -ए – दिल,कुछ तुम भी सुना देना करीब से ,जो बातेंं दूर – दूर से ही बडबडा जाती हैंं!
ये कैसी हैंं आहटेंं तेरी,अक्सर सोते हुए भी जागने सा एहसास करा जाती हैंं!.,,,,……………………………………………….
… ……… …….. …..
.. .. ….. ….. ….
द्वारा:-
स्वरचित रचनाकार ,कवि,
संगीतकार व गायक ~ Nagendra Nath Mahto.
अन्य कृतियो के लिए
Youtube mein search karein – n n mahto official
धन्यवाद !
All copyrights:- Nagendra Nath mahto.

Language: Hindi
5 Likes · 6 Comments · 370 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
लक्ष्य जितना बड़ा होगा उपलब्धि भी उतनी बड़ी होगी।
Paras Nath Jha
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
एक पेड़ ही तो है जो सभी प्राणियो को छाँव देता है,
Shubham Pandey (S P)
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Sakshi Tripathi
दिये को रोशननाने में रात लग गई
दिये को रोशननाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
पूर्वार्थ
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
कुछ बहुएँ ससुराल में
कुछ बहुएँ ससुराल में
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
प्रकृति एवं मानव
प्रकृति एवं मानव
नन्दलाल सुथार "राही"
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
हास्य कथा :अहा कल्पवृक्ष
हास्य कथा :अहा कल्पवृक्ष
Ravi Prakash
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
चांद निकला है तुम्हे देखने के लिए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
मोबाईल नहीं
मोबाईल नहीं
Harish Chandra Pande
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
अक्ल के दुश्मन
अक्ल के दुश्मन
Shekhar Chandra Mitra
क्या बात है फौजी
क्या बात है फौजी
Satish Srijan
*नज़्म*
*नज़्म*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
So, blessed by you , mom
So, blessed by you , mom
Rajan Sharma
कुत्ते की पूंछ भी
कुत्ते की पूंछ भी
*Author प्रणय प्रभात*
3214.*पूर्णिका*
3214.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" परदेशी पिया "
Pushpraj Anant
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
नफ़रत कि आग में यहां, सब लोग जल रहे,
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
संभव भी असम्भव
संभव भी असम्भव
Dr fauzia Naseem shad
"हस्ताक्षर"
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"ममता"* पार्ट-5
Radhakishan R. Mundhra
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मायापुर यात्रा की झलक
मायापुर यात्रा की झलक
Pooja Singh
Loading...