When conversations occur through quiet eyes,
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
💐प्रेम कौतुक-339💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन में दिन चार मिलें है,
हे विश्वनाथ महाराज, तुम सुन लो अरज हमारी
क्या हुआ जो तूफ़ानों ने कश्ती को तोड़ा है
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
मैं करता हुँ उस्सें पहल तो बात हो जाती है
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
फादर्स डे ( Father's Day )
अंधेरों में मुझे धकेलकर छीन ली रौशनी मेरी,
ज़िद से भरी हर मुसीबत का सामना किया है,
■ अमर बलिदानी तात्या टोपे
* घर में खाना घर के भीतर,रहना अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/ गीत