Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2017 · 1 min read

** आशिक और हसीना **

जा रही थी एक हसीना
सड़क के चौराहे से
पहने मॉडर्न ड्रेस
अद्खुले अंग की आभा
झलकाते हुए
जब देखा आशिक ने
तो रह गया दंग
पड़ी नज़र उसकी पहले पहल
उसकी छः इंच ऊंची
सैंडिल की एड़ी पर
देखकर ज़रा घबराया
फिर देख उसकी चाल मस्तानी
ज़रा वह मुस्काया
जब मुड़कर देखा आशिक ने
तो शर्म के मारे आँखे
नीची करली बेचारे आशिक ने
कह उठी फट से वो हूँ लड़की है
सुनकर रह गया दंग … आशिक बेचारा
ठहरा न वहाँ इक पल भी आशिक
हो गया नो दो ग्यारह बेचारा
अगर आपको भी मिल जाए ….. कोई हसीना तो
आशिक की भूमिका
सैंडलों को देखकर नहीं
चेहरा देखकर निभाइएगा ।।
? मधुप बैरागी

Language: Hindi
192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
आकाश के नीचे
आकाश के नीचे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
Khuch wakt ke bad , log tumhe padhna shuru krenge.
Khuch wakt ke bad , log tumhe padhna shuru krenge.
Sakshi Tripathi
सोशल मीडिया पर
सोशल मीडिया पर
*Author प्रणय प्रभात*
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
surenderpal vaidya
जिन्दगी शम्मा सी रोशन हो खुदाया मेरे
जिन्दगी शम्मा सी रोशन हो खुदाया मेरे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
वृंदा तुलसी पेड़ स्वरूपा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Perhaps the most important moment in life is to understand y
Perhaps the most important moment in life is to understand y
पूर्वार्थ
बकरी
बकरी
ganjal juganoo
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
bhandari lokesh
हर क़दम पर सराब है सचमुच
हर क़दम पर सराब है सचमुच
Sarfaraz Ahmed Aasee
लेख-भौतिकवाद, प्रकृतवाद और हमारी महत्वाकांक्षएँ
लेख-भौतिकवाद, प्रकृतवाद और हमारी महत्वाकांक्षएँ
Shyam Pandey
दोहे - झटपट
दोहे - झटपट
Mahender Singh
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते
Prakash Chandra
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
प्यार के मायने बदल गयें हैं
प्यार के मायने बदल गयें हैं
SHAMA PARVEEN
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
Shreedhar
दुख
दुख
Rekha Drolia
🥰🥰🥰
🥰🥰🥰
शेखर सिंह
चाँद  भी  खूबसूरत
चाँद भी खूबसूरत
shabina. Naaz
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
परिवर्तन जीवन का पर्याय है , उसे स्वीकारने में ही सुख है । प
Leena Anand
"कुछ खास हुआ"
Lohit Tamta
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
2306.पूर्णिका
2306.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कहें किस रंग से होली मनाना आप चाहेंगे ? (हास्य-गीत)
कहें किस रंग से होली मनाना आप चाहेंगे ? (हास्य-गीत)
Ravi Prakash
यह आखिरी खत है हमारा
यह आखिरी खत है हमारा
gurudeenverma198
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
पवित्र मन
पवित्र मन
RAKESH RAKESH
जीता जग सारा मैंने
जीता जग सारा मैंने
Suryakant Dwivedi
Loading...