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21 Jul 2020 · 1 min read

आशावादी सोच

शीर्षक: आशावादी सोच

संसार से दुख दूर हों
खुशियाँ यहाँ भरपूर हों
मन में जगे संवेदना
फूले फले नव चेतना।1

दिल की मिटें सब दूरियाँ
सब नष्ट हों मजबूरियाँ
जनजन सकल खुशहाल हो
सम्पन्न मालामाल हो।2

विद्वेष सब घटते रहें
सहयोग नित बढ़ते रहें
अब बंद अत्याचार हों
शुचिता भरे व्यवहार हों।3

सुख चैन का अब राज्य हो
अब एकता अविभाज्य हो
चाहे विचार अनेक हों
मन सर्व जन के एक हों4

प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव
21 जुलाई 2020

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 391 Views
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