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30 Apr 2017 · 1 min read

आवाज

सुन रहा ना कोई गरीब की आह
बहरा पड़ा है ये अपना समाज
जगाना है इस समाज को
सुना दो सबको कलम की आवाज

तानाशाही ना रही फिर भी जुल्म
भले लोग है यहाँ पर नही राम राज
अब समझाने का एक ही रास्ता
सुना दो सबको कलम की आवाज

आँखों में मोहबत मोहबत में दिलरुबा
दिल में दिलरुबा का ही राज
कुछ शेर शायरी सुन ना चाहे वो
सुना दूँ उनको कलम की आवाज

Language: Hindi
Tag: गीत
331 Views
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