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26 Mar 2021 · 1 min read

आलि संग आली होली

आलि संग आली होली

फागुन में मन भाए आली होली
पिचकारी की धार से भीगे चोली
मोरे पिया नहीं संग कैसे भाए रंग
छेड़े मोहे आलि,दुष्ट करे ठिठोली

वो ले आयी संग न जाने कितने रंग
नटखट भिगो दियो मेरो अंग अंग
सर पगड़ी डाल बन गई मेरो भरतार
बोली क्या हुआ जो साजन नहीं संग

मरोड़ी कलाई जैसे वो साजन मोरी
चूनर खींचे इत उत छेड़े करे बरजोरी
रंगे गुलाबी गाल केस छिटके गुलाल
मैं भूली साजन ऐसो रंगडाली मोरी होरी

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
338 Views
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