Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2020 · 1 min read

आम से बे खास हो गए

कल तक थे वो आम आदमी
अब तो वो भी खास हो गए
कल तक तो सड़कों पर थे
अब वो कुर्सी प्यार हो गए
कल तक करते थे बिरोध
अब तो उनके साथ हो गए
जन आंदोलन से निकल कर
नेताओं के बाप हो गए
वीआईपी की करी बुराई
खुद अब वी वीआईपी हो गए
गाड़ी बंगला सारी सुविधाओं के दास हो गए
मारे मारे फिरते थे वे फटा सा मफलर बांधे
अन्ना के थे दाएं बाएं
थे लोकपाल को लादे
सबज्बाग दिखलाऐ उन्होंने भ्रष्टाचार मिटाने के
गले गले तक डूब गए हाल हैं यही जमाने के
बन गए आम से खास अब विज्ञापन मैं दिखते हैं
है दिल्ली हैरान कि वे अब खासों से मिलते हैं
सकते में है जनतंत्र की बुलबुल
सकते में हैं अन्ना
क्या होगा इस देश का भैया आगे तुम ही गुनना

Language: Hindi
10 Likes · 4 Comments · 406 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
लाखों रावण पहुंच गए हैं,
Pramila sultan
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Mukesh Kumar Sonkar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सत्य
सत्य
लक्ष्मी सिंह
🔥आँखें🔥
🔥आँखें🔥
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
3006.*पूर्णिका*
3006.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम हारिये ना हिम्मत
तुम हारिये ना हिम्मत
gurudeenverma198
"रंग वही लगाओ रे"
Dr. Kishan tandon kranti
■ विनम्र निवेदन :--
■ विनम्र निवेदन :--
*Author प्रणय प्रभात*
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें
कवि रमेशराज
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
*मोटू (बाल कविता)*
*मोटू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दुनिया की ज़िंदगी भी
दुनिया की ज़िंदगी भी
shabina. Naaz
मजहब
मजहब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
क्यों गए थे ऐसे आतिशखाने में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
Arvind trivedi
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
Subhash Singhai
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
🍃🌾🌾
🍃🌾🌾
Manoj Kushwaha PS
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
अन्नदाता
अन्नदाता
Akash Yadav
💐प्रेम कौतुक-217💐
💐प्रेम कौतुक-217💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* सामने आ गये *
* सामने आ गये *
surenderpal vaidya
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के भेद
Neelam Sharma
Loading...