Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2016 · 1 min read

आम जनता को क्या मिला

मुझे नहीं पता कि नोटबंदी से
कितना कालाधन आया
कितने सफेदपोश जेल के अंदर गए
किन्तु
मुझे पता चल गया है
कि
पैसा क्या चीज है
जिसके लिए
रिज़र्व बैंक को धारक को दिया गया अपना बयान
बार बार बदलना पड़ा।
अपने पैसो को पाने के लिये
किसान, गरीब ,मजदूर , बिधार्थी , ब्यापारी , कर्मचारी
सभी को लाइन में लगना पड़ा।
इस जद्दोजेहद में
कितनो ने अपने जीबन लीला समाप्त कर ली
कितनों ने अपनों को खो दिया
कितनो की शादियाँ टूट गयीं
सरकार को बाहबाही लूटने का मौका मिला
बैंकों के पास खूब पैसा आ गया
कई कम्पनियों पेटयम ,मोबिक्विक ,फ्री चार्ज को अपने पैर पसारने का मौका मिला गया
कालेधन बालों ने नए नए तरीके ईजाद कर लिए अपना धन सफ़ेद करने के लिये
लाख टके का एक सवाल
आम जनता को क्या मिला
सिर्फ इंतज़ार और
मायूसी
हमेशा की तरह

आम जनता को क्या मिला

मदन मोहन सक्सेना

Language: Hindi
272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ हुडक्चुल्लू ..
■ हुडक्चुल्लू ..
*Author प्रणय प्रभात*
यक्ष प्रश्न है जीव के,
यक्ष प्रश्न है जीव के,
sushil sarna
अगर फैसला मैं यह कर लूं
अगर फैसला मैं यह कर लूं
gurudeenverma198
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
एक खूबसूरत पिंजरे जैसा था ,
लक्ष्मी सिंह
नशा
नशा
Mamta Rani
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
वेतन की चाहत लिए एक श्रमिक।
Rj Anand Prajapati
*अग्रोहा फिर से मिले, फिर से राजा अग्र (कुंडलिया)*
*अग्रोहा फिर से मिले, फिर से राजा अग्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"कौआ"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ऐ ज़िंदगी।
ऐ ज़िंदगी।
Taj Mohammad
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
मैं तुमसे दुर नहीं हूँ जानम,
Dr. Man Mohan Krishna
राजनीति
राजनीति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-275💐
💐प्रेम कौतुक-275💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ख़त्म होने जैसा
ख़त्म होने जैसा
Sangeeta Beniwal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
2793. *पूर्णिका*
2793. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
सारे दुख दर्द होजाते है खाली,
Kanchan Alok Malu
प्रेम में राग हो तो
प्रेम में राग हो तो
हिमांशु Kulshrestha
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
*बाल गीत (मेरा मन)*
*बाल गीत (मेरा मन)*
Rituraj shivem verma
प्रभु जी हम पर कृपा करो
प्रभु जी हम पर कृपा करो
Vishnu Prasad 'panchotiya'
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
बात बनती हो जहाँ,  बात बनाए रखिए ।
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
Rajesh Tiwari
गाँव पर ग़ज़ल
गाँव पर ग़ज़ल
नाथ सोनांचली
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
तुम नि:शब्द साग़र से हो ,
Stuti tiwari
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...