आप ही के लिए है जवानी मेरी
वज़्न ?
212 – 212- 212 – 212
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आपके नाम है जिंदगानी मिरी
आप ही के लिए है जवानी मिरी
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आपने ही सिखाया है हंसना मुझे
आपसे ही जुड़ी है कहानी मिरी
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बाखुदा आपसे मिल के ऐसा लगा
दिल के दरिया ने पायी रवानी मिरी
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हर सुबह अब तो रंगीन लगने लगी
शाम भी हो गई अब सुहानी मिरी
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दिल जिग़र जान सब कुछ हुआ आपका
आँख भी आपकी है दीवानी मेरी
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आपने छू लिया दिल मचलने लगा
आरजू़ हो गयी अब सयानी मिरी
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सोच प्रीतम जवाँ है अगर इश्क तो,
हुस्न की कोठी क्यों हो पुरानी मिरी
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प्रीतम राठौर