Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2017 · 1 min read

*** आप वही हैं जो है ***

15.7.17 ** दोपहर ** 2.45
आप वही हैं,जो है,फिर क्यों डरते हो

डरते हो,फिर इतना क्यों मुझपे मरते हो

दिल फैंक-फैंक,फेक मुझे क्यों करते हो

चाहत दिल में मेरी और मुझसे ही डरते

है शायद पूर्व-परिचय अपना,यूं ही नही

बार-बार राहों में आ ख़ुद ही छलते हो

चलते हो चलन जमाने का जो है,फिर

देख मुझे,क्यों ठंडी आहे भरते हो फिर

आप वही हैं हम यहीं हैं आओ फिर-२

मुलाकात करें, हृदय की कुछ बात करें

आड़े आवे भीतभाव-दीवारें अब दूर करें

स्नेह-दीपक, ना बुझने को मजबूर करें

जलता है रोशन करने दिल-घर जिसका

वो क्यूं -कर आज ना उस पे मरे-मरे

हे हरे हरे हे हरेहरे प्यार से तूं परे-परे

है अज्ञात भय तुझको प्रिये क्यूं हर बार

ना छोड़ा अभी तक हमने भी घर-बार

खाया धोखा प्यार में हमने भी हर-बार

फिर भी प्रिये करता मन तुमपे विश्वास

शायद तुम वही हो जिसका है इंतजार

आ जाओ, छा जाओ,दिल वीराने में

क्या रखा है बार-बार आ-जमाने में

तुम वही हो, हां निश्चित तुम वही हो

आप वही हैं,जो है,फिर क्यों डरते हो

डरते हो फिर इतना क्यों मुझपे मरते हो

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
Ravi Prakash
कृष्ण दामोदरं
कृष्ण दामोदरं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mamta Rani
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
*कहां किसी को मुकम्मल जहां मिलता है*
Harminder Kaur
जीवन में प्राकृतिक ही  जिंदगी हैं।
जीवन में प्राकृतिक ही जिंदगी हैं।
Neeraj Agarwal
कविता-शिश्कियाँ बेचैनियां अब सही जाती नहीं
कविता-शिश्कियाँ बेचैनियां अब सही जाती नहीं
Shyam Pandey
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
2722.*पूर्णिका*
2722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय "प्रेम" ही है
DEVESH KUMAR PANDEY
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
रक़्श करतें हैं ख़यालात मेरे जब भी कभी..
Mahendra Narayan
हालात भी बदलेंगे
हालात भी बदलेंगे
Dr fauzia Naseem shad
Life is a series of ups and downs. Sometimes you stumble and
Life is a series of ups and downs. Sometimes you stumble and
Manisha Manjari
■ जय लोकतंत्र■
■ जय लोकतंत्र■
*Author प्रणय प्रभात*
करके याद तुझे बना रहा  हूँ  अपने मिजाज  को.....
करके याद तुझे बना रहा हूँ अपने मिजाज को.....
Rakesh Singh
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
जीवन एक सफर है, इसे अपने अंतिम रुप में सुंदर बनाने का जिम्मे
Sidhartha Mishra
ताल्लुक अगर हो तो रूह
ताल्लुक अगर हो तो रूह
Vishal babu (vishu)
"You can still be the person you want to be, my love. Mistak
पूर्वार्थ
लोकतंत्र का मंत्र
लोकतंत्र का मंत्र
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
प्यार करने वाले
प्यार करने वाले
Pratibha Pandey
शिव छन्द
शिव छन्द
Neelam Sharma
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
Acharya Rama Nand Mandal
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
खामोश रहेंगे अभी तो हम, कुछ नहीं बोलेंगे
gurudeenverma198
अस्मिता
अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
सत्यबोध
सत्यबोध
Bodhisatva kastooriya
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
वही दरिया के  पार  करता  है
वही दरिया के पार करता है
Anil Mishra Prahari
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...