Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2017 · 1 min read

आप आये हमें एक निधि मिल गई।

स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।
स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।।

आप आये हमें एक निधि मिल गई।
आसमाँ से ज़मीं तक कली खिल गई।।
दिल में अरमां जगें आस जागे बहुत।
आप आये हमें हर खुशी मिल गई।।

स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।
स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।।

प्यार की ये घड़ी कितनी रंगीन है।
आपसे मिल के दिल को भी तस्कीन है।।
दिल दिवाना हुआ आपके प्यार में।
मामला दिल का भी अब तो संगीन है।।

स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।
स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।।

चाँद से अब कहो वो न आये इधर।
उसकी मर्जी है वो चाहे जाये जिधर।।
मेरा महबूब मेरा सनम आ गया।
चाँद हैरत में है अब मैं जाऊँ किधर।।

स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।
स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।।

हाँ मैं “वासिफ” हूँ मुझमें हुनर कुछ नहीं।
ऐसी बातों का मुझपे असर कुछ नहीं।।
है सिफ़त आप में आप आला भी हैं।
मैं मुन्नवर हूँ मुझको ख़बर कुछ नहीं।।

स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।
स्वागतम स्वागतम स्वागतम स्वागतम।।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 14784 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*शादी के खर्चे (कुंडलिया)*
*शादी के खर्चे (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
बीती यादें भी बहारों जैसी लगी,
बीती यादें भी बहारों जैसी लगी,
manjula chauhan
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
Sanjay ' शून्य'
If you do things the same way you've always done them, you'l
If you do things the same way you've always done them, you'l
Vipin Singh
दिल से मुझको सदा दीजिए।
दिल से मुझको सदा दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं चांद को पाने का सपना सजाता हूं।
मैं चांद को पाने का सपना सजाता हूं।
Dr. ADITYA BHARTI
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
कवि दीपक बवेजा
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
Jyoti Khari
बीते लम़्हे
बीते लम़्हे
Shyam Sundar Subramanian
जिंदगी ना जाने कितने
जिंदगी ना जाने कितने
Ragini Kumari
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
2734. *पूर्णिका*
2734. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डरना नही आगे बढ़ना_
डरना नही आगे बढ़ना_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
సమాచార వికాస సమితి
సమాచార వికాస సమితి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पिया घर बरखा
पिया घर बरखा
Kanchan Khanna
कुछ यादें जिन्हें हम भूला नहीं सकते,
कुछ यादें जिन्हें हम भूला नहीं सकते,
लक्ष्मी सिंह
पेड़ लगाओ तुम ....
पेड़ लगाओ तुम ....
जगदीश लववंशी
उतना ही उठ जाता है
उतना ही उठ जाता है
Dr fauzia Naseem shad
वक्त का घुमाव तो
वक्त का घुमाव तो
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*लम्हे* ( 24 of 25)
*लम्हे* ( 24 of 25)
Kshma Urmila
शहीद दिवस
शहीद दिवस
Ram Krishan Rastogi
खप-खप मरता आमजन
खप-खप मरता आमजन
विनोद सिल्ला
दोहावली...(११)
दोहावली...(११)
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...