Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2017 · 1 min read

आधुनिक नेता

तीन यांत्रिक,
एक अनपढ़
दोस्त बन गए एकाएक
चारों मिल
देशाटन को
निकल पडे एकाएक
यांत्रिकों ने सोचा-
क्यों न बनाएं एक नेता
यांत्रिक त्रय के शोध ने
फिर गढ़ डाला एक नेता ।
नेता अस्तित्व में आया
उसको मौसम भाया
उसने मांगी एक बंदूक
यांत्रिक हुए प्रसन्न
अविष्कार से अभिभूत
बना डाली बन्दूक
फिर-
कालचक्र ने ली करवट
नेता ने उठाई बन्दूक
तीनों यांत्रिक मारे गए एकाएक
यह देख
अनपढ़ घबड़ाया
घबड़ाकर चिल्लाया-
अपने सृष्टिकर्ता को ही,
क्यों मार दिए नेताजी एकाएक
नेता अनपढ़ के भोलेपन पर मुस्काया
और रहस्य बताया
इतना भी नहीं समझे/जिससे ये-
फिर न बना सकें
मेरे जैसा कोई और नेता एकाएक।

Language: Hindi
1 Like · 351 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
डॉक्टर रागिनी
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
🌹मेरे जज़्बात, मेरे अल्फ़ाज़🌹
Dr Shweta sood
कैसे देखनी है...?!
कैसे देखनी है...?!
Srishty Bansal
जरूरी बहुत
जरूरी बहुत
surenderpal vaidya
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
श्रृंगार
श्रृंगार
Neelam Sharma
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
मन में पल रहे सुन्दर विचारों को मूर्त्त रुप देने के पश्चात्
Paras Nath Jha
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
मौन पर एक नजरिया / MUSAFIR BAITHA
मौन पर एक नजरिया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
बाल दिवस पर मेरी कविता
बाल दिवस पर मेरी कविता
Tarun Singh Pawar
शिव विनाशक,
शिव विनाशक,
shambhavi Mishra
काश लौट कर आए वो पुराने जमाने का समय ,
काश लौट कर आए वो पुराने जमाने का समय ,
Shashi kala vyas
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
*षडानन (बाल कविता)*
*षडानन (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जीवन अप्रत्याशित
जीवन अप्रत्याशित
पूर्वार्थ
एहसास के रिश्तों में
एहसास के रिश्तों में
Dr fauzia Naseem shad
गीतांश....
गीतांश....
Yogini kajol Pathak
यह जीवन भूल भूलैया है
यह जीवन भूल भूलैया है
VINOD CHAUHAN
💐प्रेम कौतुक-442💐
💐प्रेम कौतुक-442💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
माना के गुनाहगार बहुत हू
माना के गुनाहगार बहुत हू
shabina. Naaz
.........,
.........,
शेखर सिंह
कविता
कविता
Vandana Namdev
■ फेसबुकी फ़र्ज़ीवाड़ा
■ फेसबुकी फ़र्ज़ीवाड़ा
*Author प्रणय प्रभात*
ख़यालों के परिंदे
ख़यालों के परिंदे
Anis Shah
Ye sham adhuri lagti hai
Ye sham adhuri lagti hai
Sakshi Tripathi
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"साधक के गुण"
Yogendra Chaturwedi
Loading...