Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2017 · 1 min read

आदमी

मंजिलों की चाह में
कफ़िलों के साथ
हर पता पर रहगुजर से
पूछता है आदमी.
……
आदमी जब आदमी को
लुटने लगा
आदमी के नाम पर
अब सोचता है आदमी.
……
युद्ध अंत पर बालबर्ष
बेरोजगारी में युवावर्ष
अशांति में शांतिवर्ष
मनाता है आदमी.
…..
करने के लिए कंप्यूटर
कराने के लिए रोबोट
मारने के लिए परमाणु बम
बना लेता है आदमी.
…..
आतंकवाद को
जातिवाद का नारा देकर
आदमी को ही अब
भड़काता है आदमी.
…..
दहेज की वृद्धि पर
बहुओं की मृत्यु पर
ट्यूब चाईल्ड
बनाने लगा है आदमी .
…..
वादे एतबार
जबसे मुकरने लगे
छाछ भी पीने से पहले
अब फूंकता है आदमी.
…..
झोपड़ी वाले को धनवान
मकबरे को इमारत
मंदिर को कब्रिस्तान
समझता है आदमी.
…..
दूध में पानी
पानी में दवाई
चावल में कंकड़
मिलाता है आदमी.
…..
मंगरू को विद्यापति
विद्यापति को लाठिपति
गाँधी को दस्यु
बना देता है आदमी.
……
राम को नर्क
रावण को स्वर्ग
कालिदास को संसद
पहुंचा देता है आदमी.
…..
घर घर में जबसे
गृहयुद्ध होने लगा
घर में जाने से पहले
अब रोता है आदमी.
…..
आधुनिकता में जबसे
पलने लगा है आदमी
आदमी को देखकर
अब खांसता है आदमी.
…..
(इस कविता को मैंने 4 अप्रैल 1986 में लिखी थी. अविकल प्रस्तुत)

Language: Hindi
1 Like · 323 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
कर ले प्यार
कर ले प्यार
Ashwani Kumar Jaiswal
सिलसिला रात का
सिलसिला रात का
Surinder blackpen
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Sakshi Tripathi
भ्रात-बन्धु-स्त्री सभी,
भ्रात-बन्धु-स्त्री सभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
Mohabbat
Mohabbat
AMBAR KUMAR
राम है अमोघ शक्ति
राम है अमोघ शक्ति
Kaushal Kumar Pandey आस
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
आज़ाद पंछी
आज़ाद पंछी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सम्मान
सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
मेरी पेशानी पे तुम्हारा अक्स देखकर लोग,
Shreedhar
माँ कहती है खुश रहे तू हर पल
माँ कहती है खुश रहे तू हर पल
Harminder Kaur
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
*** सफलता की चाह में......! ***
*** सफलता की चाह में......! ***
VEDANTA PATEL
बुढ़ाते बालों के पक्ष में / MUSAFIR BAITHA
बुढ़ाते बालों के पक्ष में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
मां तेरा कर्ज ये तेरा बेटा कैसे चुकाएगा।
Rj Anand Prajapati
*रायता फैलाना(हास्य व्यंग्य)*
*रायता फैलाना(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जीवन की अभिव्यक्ति
जीवन की अभिव्यक्ति
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
होकर मजबूर हमको यार
होकर मजबूर हमको यार
gurudeenverma198
नैया फसी मैया है बीच भवर
नैया फसी मैया है बीच भवर
Basant Bhagawan Roy
पीताम्बरी आभा
पीताम्बरी आभा
manisha
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■ बे-मन की बात।।
■ बे-मन की बात।।
*Author प्रणय प्रभात*
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
Loading...