Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2017 · 1 min read

आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय ।

आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय।
खेल-खेल मे शौक-शौक मे
देखो ये लग जाय,
लागी सी फिर ना ये छूटे,
छूटे जग मुश्किल पड जाय
आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय।
कमजोरी ये है इन्सां की
बस लाचार बनाय,
भली बुरी कैसी भी आदत
सही कही ना जाय
आदत भी है बलाय रे भइया, आदत भी है बलाय।
बात पते की सुनो सयाने लोग गये बतलाय,
जो ना बदले आदत अपनी खुदा बदल ना पाए,
आदत भी है बलाय रे भैया,आदत भी है बलाय ।

अनुराग दीक्षित
13-09-17

Language: Hindi
273 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
3136.*पूर्णिका*
3136.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"कुछ भी असम्भव नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
रुक्मिणी संदेश
रुक्मिणी संदेश
Rekha Drolia
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
ক্ষেত্রীয়তা ,জাতিবাদ
DrLakshman Jha Parimal
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
आयेगी मौत जब
आयेगी मौत जब
Dr fauzia Naseem shad
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
_सुलेखा.
तुम्ही हो किरण मेरी सुबह की
तुम्ही हो किरण मेरी सुबह की
gurudeenverma198
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
मुद्दत से तेरे शहर में आना नहीं हुआ
Shweta Soni
राम
राम
umesh mehra
■ पाठक बचे न श्रोता।
■ पाठक बचे न श्रोता।
*Author प्रणय प्रभात*
* मुझे क्या ? *
* मुझे क्या ? *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सृष्टि भी स्त्री है
सृष्टि भी स्त्री है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
अधूरी हसरतें
अधूरी हसरतें
Surinder blackpen
*फाइल सबको भरना है (गीतिका)*
*फाइल सबको भरना है (गीतिका)*
Ravi Prakash
खारिज़ करने के तर्क / मुसाफ़िर बैठा
खारिज़ करने के तर्क / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
।। गिरकर उठे ।।
।। गिरकर उठे ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
💐प्रेम कौतुक-499💐
💐प्रेम कौतुक-499💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
* अपना निलय मयखाना हुआ *
* अपना निलय मयखाना हुआ *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"ऐसा मंजर होगा"
पंकज कुमार कर्ण
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
shabina. Naaz
खंड 8
खंड 8
Rambali Mishra
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
“I will keep you ‘because I prayed for you.”
“I will keep you ‘because I prayed for you.”
पूर्वार्थ
Loading...