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18 Apr 2020 · 1 min read

आत्मसात्

पिरयवर मेरे बात करो
दृषिट से आघात करो
मै तो तुम्हारी हो गई पिरयतम
मुझ को आत्मसात् करो

अपनी भुज़ाओं में अलकृंत कर लो
हृदय में मे अपने झंकृत कर लो
मैं गिरी तुम्हारे चरणों में
कुछ तो तुम शुरूआत करो
मुझ को आत्मसात् करो

सानिध्य में तुम्हारे बैठूं मै
तुम्हारे प्रेम पर ऐठूं मैं
कह दी मैनैं व्यथा अब सारी
कुछ मेरे सरताज़ करो
मुझ को आत्मसात् करो

उन को किचिंत ज्ञान नहीं है
उन बिन मुझ में पराण नहीं है
मेरे पिरयवर हो ज़ाओ मेरे
प्रभु कुछ ऐसा झंझावात करो
मुझ को आत्मसात् करो

Language: Hindi
442 Views
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