Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2020 · 1 min read

आत्मनिर्भरता

अच्छा है,
बच्चे काम
पर जा रहे हैं
अपना भविष्य
खुद बना रहे हैं ।
कुछ सड़क किनारे
बने ढाबों पर
जुठे बर्तन मांज कर,
कुछ कचरे चुन कर
कुछ मजदूरी कर के
कुछ चाय के दुकानों में
ग्लास धो कर और कुछ
फटेहाल भीख मांग कर ।
उनके चेहरों पर है
गजब का आत्म विश्वास ,
क्योंकि उन्हें है एहसास
अपने पैरों पर खड़े होने का।
बेरहम वर्तमान जीवन संघर्ष का।
देश के अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का।
और सबसे बड़ी बात अपने आप आत्मनिर्भर होने का।
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 431 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
सम्यक योग की साधना दुरुस्त करे सब भोग,
Mahender Singh
शंकर हुआ हूँ (ग़ज़ल)
शंकर हुआ हूँ (ग़ज़ल)
Rahul Smit
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
Keshav kishor Kumar
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम समुंदर का है तेज, वह झरनों का निर्मल स्वर है
Shubham Pandey (S P)
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
मोबाइल महात्म्य (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"एक नज़्म लिख रहा हूँ"
Lohit Tamta
सनातन
सनातन
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
जगदीश शर्मा सहज
इक शाम दे दो. . . .
इक शाम दे दो. . . .
sushil sarna
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
💐Prodigy Love-38💐
💐Prodigy Love-38💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
*शुभ गणतंत्र दिवस कहलाता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
जीवन का किसी रूप में
जीवन का किसी रूप में
Dr fauzia Naseem shad
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
मुकाम
मुकाम
Swami Ganganiya
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
* गीत प्यारा गुनगुनायें *
surenderpal vaidya
"धूप-छाँव" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बो रही हूं खाब
बो रही हूं खाब
Surinder blackpen
ऐसी भी होगी एक सुबह, सूरज भी हो जाएगा नतमस्तक देख कर तेरी ये
ऐसी भी होगी एक सुबह, सूरज भी हो जाएगा नतमस्तक देख कर तेरी ये
Vaishaligoel
वन को मत काटो
वन को मत काटो
Buddha Prakash
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
एक पिता की पीर को, दे दो कुछ भी नाम।
Suryakant Dwivedi
3225.*पूर्णिका*
3225.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ बात थी
कुछ बात थी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Best ghazals of Shivkumar Bilagrami
Shivkumar Bilagrami
"लाठी"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...